यूपी में आकाशीय बिजली से 15 दिनों में 37 से अधिक की गई जान! चपेट में आने से बचाने वाले दामिनी एप के प्रचार में सुस्ती

By राजेंद्र कुमार | Published: July 9, 2023 05:36 PM2023-07-09T17:36:07+5:302023-07-09T17:37:54+5:30

दामिनी एप आकाशीय बिजली गिरने के संबंध में आधे घंटे पहले ही अलर्ट का संदेश भेज कर लोगों को सावधान कर देता है। इस एप को केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने तैयार किया है। इस एप से हर आमजन को बिजली गिरने के पहले ही पता चल सकेगा कि बिजली कहां और कब गिरने की आशंका है।

Over 37 killed in 15 days due to lightning in UP Slowness in promotion of Damini app | यूपी में आकाशीय बिजली से 15 दिनों में 37 से अधिक की गई जान! चपेट में आने से बचाने वाले दामिनी एप के प्रचार में सुस्ती

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsउत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली का कहर जारीबीते 15 दिनों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 37 से अधिक लोगों की मृत्यु अब तक प्रदेश सरकार ने कोई जागरूकता अभियान शुरू नहीं किया

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली की चपेट में आने वाले लोगों के मरने की संख्या में हर इजाफा हो रहा है। गत शनिवार को सूबे के कई जिलों में बिजली
आसमान से काल बनकर गिरी, जिससे 11 लोगों की मृत्यु हो गई और 12 लोग झुलस गए। बीते 15 दिनों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 37 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद भी अभी तक सूबे में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से लोगों को बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने कोई जागरूकता अभियान शुरू नहीं किया है। बीते साल यूपी में करीब 370 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई थी तभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को आकाशीय बिजली की चपेट में आने से बचाने के लिए दामिनी एप के बारे में प्रचार -प्रसार करने को कहा था। लेकिन अभी तक कृषि,राजस्व और सिंचाई विभाग के अफसरों ने इस एप के बारे में लोगों को जागरूक करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं ही है।

दामिनी एप आकाशीय बिजली गिरने के संबंध में आधे घंटे पहले ही अलर्ट का संदेश भेज कर लोगों को सावधान कर देता है। इस एप को केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने तैयार किया है। इस एप से हर आमजन को बिजली गिरने के पहले ही पता चल सकेगा कि बिजली कहां और कब गिरने की आशंका है। इस ऐप के जरिए बिजली गिरने से लोगों की जान बचायी जा सकती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत सरकारी विभागों ने इस एप के बारे में प्रचार प्रसार ही नहीं किया, जिसके चलते राज्य में करीब 28,000 लोगों ने ही इस एप को अपने मोबाइल में लोड किया है, जबकि राज्य में दो करोड़ से अधिक ग्रामीण किसान समान निधि का पैसा अपने मोबाइल के जरिए पा रहे हैं। इन ग्रामीणों को दामिनी एप के लाभ सरकारी अधिकारी अभी तक बता नहीं सके हैं। जिसका परिणाम है कि यूपी में 37 से अधिक लोगों को आकाशीय बिजली की चपेट में आने के अपनी जान गँवानी पड़ी।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार शनिवार को मैनपुरी में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर किशोर समेत तीन की मृत्यु हो हुई, जबकि एक युवती झुलस गई। आगरा में दो लोग घायल हुए हैं। वहीं, जालौन बिजली गिरने से महिला समेत दो लोगों मौत हो गई। बांदा में भी दो की जान गई है। उन्नाव एक की मौत हो गई व पांच झुलस गए। हमीरपुर में एक ने दम तोड़ दिया, जबकि एक व्यक्ति घायल है। कानपुर देहात और इटावा में एक-एक मौत हुई है. इसी प्रकार गत 4 जुलाई को पूर्वांचल के कई जिलों में जोरदार बारिश के साथ आकाशीय बिजली की गरज चमक के साथ 11 लोगों की मौत हुई थी। सर्वाधिक छह लोगों की मौत आजमगढ़ जिले में तो गाजीपुर जिले में चार लोगों की मौत हुई थी। 

आकाशीय बिजली गिरने से हुई जनहानि की घटनाओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक जताया है। उन्होंने दिवंगतों के स्वजनों को चार-चार लाख रुपये की राहत राशि तत्काल वितरित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होने दामिनी एप का प्रचार गांव -गांव में करने का निर्देश कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों को दिया है। उन्होने कहा था कि गांव -गांवों में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से लोगों को बचाने के लिए क्या -क्या करना चाहिए? इसे पंपलेट आदि भी जरिये बताया जाए। इस संबंध में वीडियो क्लिप भी बनाकर ग्रामीणों (किसानों) को भेजी जाए. कृषि अधिकारी गांवों में किसानों के को खाद- बीज आदि के बारे में जानकारी देने जाने के दौरान उन्हें दामिनी एप के बारे में बताएं और दामिनी एप का प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों को इसे डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।  ताकि हर ग्रामीण बरसात के मौसम में व अपने को सुरक्षित कर सके।

क्यों गिरती है आकाशीय बिजली :
 
आसमान में धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल उमड़ते-घुमड़ते हुए जब एक-दूसरे के पास आते हैं तो टकराने (घर्षण) से उच्च शक्ति की बिजली उत्पन्न होती है। इससे दोनों तरह के बादलों के बीच हवा में विद्युत-प्रवाह गतिमान हो जाता है। विद्युत-धारा प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है। ट्रफ लाइन के पास आकाशीय बिजली गिरने (वज्रपात) की आशंका अत्यधिक होती है। यूपी-बिहार में सतह काफी गरम है और काफी ज्यादा इन राज्यों में बारिश होती है। गर्म-ठंडे के मेल से ही यहां ज्यादा बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं।

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