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बसपा सुप्रीमो मायावती को है जान का खतरा! जताई अनहोनी की आशंका, सपा को कोसा, यूपी सरकार से की अपील, जानें मामला

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 08, 2024 12:43 PM

सुरक्षा चिंता का बात करते हुए कहा गया है कि बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहाँ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।

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ठळक मुद्देबहुजन समाज पार्टी ने एक बार फिर सपा के खिलाफ हमलावर रुख अपनायासमाजवादी पार्टी को दलित विरोधी बतायाबसपा सुप्रीमो मायावती की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी ने एक बार फिर सपा के खिलाफ हमलावर रुख अपनाया है। पार्टी सुप्रीमो मायावती के एक्स हैंडल से किए पोस्ट में समाजवादी पार्टी को दलित विरोधी और अति पिछड़ों के हितों की परवाह न करने वाला बताया गया है। एक चौकाने वाली बात करते हुए मायावती के एक्स हैंडल से कहा गया है कि पार्टी प्रमुख को सुरक्षा कारणों से सारी बैठकें निजी आवास पर करनी पड़ती हैं। इसके लिए सपा को जिम्मेदार बताया गया है।

मायावती के एक्स हैंडल से किए गए एक के बाद एक कई पोस्ट में लिखा गया, "सपा अति-पिछड़ों के साथ-साथ जबरदस्त दलित-विरोधी पार्टी भी है, हालाँकि बीएसपी ने पिछले लोकसभा आमचुनाव में सपा से गठबन्धन करके इनके दलित-विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को थोड़ा बदलने का प्रयास किया। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद ही सपा पुनः अपने दलित-विरोधी जातिवादी एजेण्डे पर आ गई।"

इसमें आगे कहा गया,  "सपा मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है। वैसे भी सपा के 2 जून 1995 सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए व इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिये गये हैं। जिनमें बीएसपी यूपी स्टेटआफिस के पास ऊँचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहाँ से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों व राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुँचा सकते हैं जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहाँ से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा।"

सुरक्षा चिंता का बात करते हुए कहा गया, "इस असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुँचने पर वहाँ पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है। ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहाँ कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। साथ ही, दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख़्ती से निपटे, पार्टी की यह भी माँग है।"

 

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