लखनऊ: भीषण गर्मी और लू के कारण यूपी के बलिया जिले में पिछले चार दिनों में 54 लोगों की मौत हो गई है। ऐसे में गर्मी और लू से हुई मौत को लेकर पूरे जिले के लोगों में डर का माहौल है। हालांकि इन मौत पर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की अलग ही राय है। उन्होंने रविवार को दावा किया है कि जिले में ‘हीट स्ट्रोक’ (लू लगने) से केवल दो लोगों की ही मौत हुई है।
उधर बलिया से विधायक और प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का कहना है कि गर्मियों में आमतौर पर मृत्यु दर बढ़ जाती है। ऐसे में जिले में इस तरह से हुई मौत के लिए सरकार द्वारा गठित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की दो सदस्यीय टीम ने इस संबंध में जांच भी शुरू कर दिया है।
स्वास्थ्य निदेशक ने क्या कहा
बढ़ती गर्मी और लू के कारण मरीजों की संख्या बढ़ने पर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. एके सिंह ने बलिया में कहा है कि इसकी जांच की जा रही है और इसके बाद ही कारणों की पुष्टि हो पाएगी। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि इलाज के लिए आने वाले अधिकांश मरीजों ने यह शिकायत की है कि उन्हें पहले सीने में दर्द हुआ था और फिर सांस लेने में तकलीफ हुई थी। यही नहीं इसके बाद उन लोगों ने बुखार होने की भी शिकायत की है। उनके अनुसार, हम यूरिन टेस्ट, ब्लड टेस्ट और अन्य टेस्ट करवा रहे हैं।
सिंह ने यह भी कहा है कि कई मरीज ऐसे हैं जो डर और दहशत के कारण अस्पताल पहुंचे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि कई मरीज ऐसे भी है जिन्हें पहले कोई बीमारी थी और अब वे फिर से भर्ती हुई हैं। सिंह ने आगे कहा है कि हम सैंपल ले रहे हैं, उसके बाद ही मौत के कारणों की पुष्टि हो सकेगी
विपक्ष ने उठाया सवाल
इस तरीके से बलिया में हुई मौत को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार को घेरा है और कहा है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई भी चीज अब बची हुई नहीं है। उधर बलिया के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जयंत कुमार ने कहा है कि अस्पताल में दर्ज जानकारी के अनुसार, 40 फीसदी लोगों की मौत बुखार के कारण हुई है वहीं 60 फीसदी लोगों की मौत किसी अन्य रोग के कारण हुई है।
इस पर बोलते हुए जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया है कि “जिला अस्पताल में रोगियों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए समस्त प्रबंध किए गए हैं। 15 बिस्तर बढ़ाए गए हैं। इसके साथ ही अस्पताल के कमरों में कूलर पंखे और एयर कंडीशनर लगाए गए हैं।”
भाषा इनपुट के साथ