सी फूड का लेना हो मजा तो गोवा नहीं कोच्चि का बनाएं प्लान, यहां और भी हैं कई चीजें खास
By मेघना वर्मा | Published: April 26, 2018 11:55 AM2018-04-26T11:55:29+5:302018-04-26T11:55:29+5:30
कोच्चि शहर साल भर पर्यटकों से भरा होता है।यहीं देश का शानदार और प्रमुख बंदरगाह भी है जिसका हमारे प्राचीन इतिहास से गहरा सम्बन्ध है।
गर्मी की छुट्टियों में अक्सर लोग ठंडी जगहों पर जाने का प्लान बनाते हैं।कश्मीर, शिमला और उत्तराखंड की कई जगहों की बुकिंग तीन-तीन महीने पहले से करवा चुके होते हैं। लेकिन गर्मी की इन छुट्टियों में बहुत कम ऐसे लोग हैं जो दक्षिण भारत घूमने का प्लान बनाते हों। आज हम आपको दक्षिण भारत की एक ऐसी खूबसूरत जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाकर आप अपना परफेक्ट समर हॉलिडे मना सकते हैं। दक्षिण भारत का सबसे खूबसूरत राज्य केरल इस लिस्ट में सबसे पहले आता है। इसका कोच्चि शहर साल भर पर्यटकों से भरा होता है। यहीं देश का शानदार और प्रमुख बंदरगाह भी है जिसका हमारे प्राचीन इतिहास से गहरा सम्बन्ध है। कोच्चि, जो पहले कोचीन के नाम से जाना जाता था केरल के एर्नाकुलम जिले के अंतर्गत आता है। अगर आपको भी वाटर ऐडवेंचर का मजा लेना हो या सी फूड का स्वादिष्ट जायका चखना हो तो आप इस वैकेशन कोच्चि का प्लान बना सकते हैं।
देखने के लिए खास
कोच्चि का खूबसूरत किला
कोच्चि किला कोच्चि शहर का एक हिस्सा है परंतु यह समुद्र के एक खंड के पार स्थित है। एक मज़बूत पुल कोच्चि किले को बाकी की दुनिया से जोड़ता है। ये स्थान जितना प्राचीन है उतना ही मशहूर ये यहां पर मिलने वाले स्वादिष्ट व्यंजन की वजह से भी है।इस किले की सैर पैदल या साईकिल द्वारा अच्छे से की जा सकती है। साइकिल और मोटर साइकिल यहां किराये पर आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
चेराई बीच की शांति
शहर के भीड़ से बोर हो चुके हैं और शांति खोज रहे हैं तो ते जगह आपके लिए बेस्ट है सिर्फ यही नहीं आप खुद को पानी का किंग समझते हैं तो यहां आप वाटर स्पोर्ट्स का मजा भी ले सकते हैं।चेराई बीच कोच्चि के लोकप्रिय समुद्र तटों में से एक है। यह कोच्चि से लगभग 25 किमी।की दूरी पर स्थित है और व्य्पिन द्वीप के अधीन आता है। अनेक स्थानीय निवासी और पर्यटक सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य का आनंद उठाने के लिए यहाँ आते हैं। यहाँ कुछ अच्छे होटल और रेस्टारेंट हैं जहाँ आप अदभुत समुद्री भोजन का स्वाद ले सकते हैं। यहाँ कुछ छोटी दुकानें हैं जो ताज़ा समुद्री भोजन बेचती हैं; यहाँ आप अपनी मछली, झींगे और केंकड़े चुन सकते हैं और रेस्टारेंट में पकाने के लिए दे सकते हैं।
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सेंट फ्रांसिस चर्च
सेंट फ्रांसिस चर्च भारत का पहला यूरोपियन चर्च है जिसका निर्माण 1503 में किया गया। कई हमलों और अनगिनत समझौतों के साक्षी इस चर्च को कोच्चि के सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह चर्च कोच्चि किले के बाजू में स्थित है। इस चर्च के साथ एक बहुत महत्वपूर्ण रोचक तथ्य यह जुड़ा हुआ है कि यह महान पुर्तगाली नाविक वास्को दा गामा से जुड़ा हुआ है। गामा जिनका निधन 16 वीं शताब्दी में हुआ था उन्हें सेंट फ्रांसिस चर्च में दफनाया गया। चौदह वषों के बाद उनके शव को लिस्बोन ले जाया गया। चर्च का निर्माण पहले लकड़ी द्वारा किया गया था।
मट्टनचेरी महल
मट्टनचेरी महल फोर्ट कोच्चि में स्थित है और यह डच महल के नाम से भी जाना जाता है। यह एक कलाकार को प्रसन्न कर देने वाला स्थान है क्योंकि यह उन विभिन्न संस्कृतियों का समृद्ध मिश्रण प्रस्तुत करता है जिन्होंने कोच्चि को अपना घर बनाया था। प्रतिवर्ष पर्यटक इस मध्युगीन आकर्षण की ओर आकर्षित होते हैं जिसका निर्माण पुर्तगालियों द्वारा ईसा पश्चात 1555 में वीर केरल वर्मा के लिए किया गया जो उस समय कोच्चि का शासक था।
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मरीन ड्राइव
मुंबई की तरह कोच्चि में भी मरीन ड्राइव है जहां रविवार की शाम को सूर्यास्त का शानदार दृश्य देखने के लोगों की भीड़ एकत्रित होती है। मरीन ड्राइव शहर के लिए आर्थिक महत्व भी रखता है। मरीन ड्राइव में भ्रमण कोच्चि के बैकवॉटर का मनोहर दृश्य प्रस्तुत करता है। यह स्थान स्थानीय लोगों और पर्यटकों में समान रूप से लोकप्रिय है क्योंकि यहाँ से समुद्र का अदूषित दृश्य देखा जा सकता है।
ज्यू शहर
यह कोच्चि की एक प्राचीन यहूदी बस्ती है जो अपने सांस्कृतिक और वास्तुशिल्पीय अद्वितीयता से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। एक विशेषता जो कोच्चि को भारत के अन्य शहरों से अलग करती है वह है यहाँ की यहूदी जनसंख्या। इतिहास बताता है कि यहूदी यहाँ ईसा पूर्व 700 में व्यापार और वाणिज्य के लिए आए थे और बाद में शहर की सांस्कृतिक संरचना में एकीकृत हो गए।
एर्नाकुलाथाप्पन मंदिर
एर्नाकुलाथाप्पन मंदिर (शिव मंदिर) हिंदू भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर है जो कोच्चि के प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक है। यहाँ की मूर्ति पश्चिममुखी है और केरल की भव्य वास्तुकला की मिसाल है। अन्य भगवान जिनकी यहाँ पूजा की जाती है उनमें भगवान सस्थ और भगवान गणपति शामिल हैं। यह मंदिर एर्नाकुलाथाप्पन उत्सव के लिए प्रसिद्द है जो मंदिर का एक उत्सव होता है और भक्तों द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।