छुट्टी में घूमिए कन्याकुमारी, यहां होता है दो समुद्रों का मिलन
By मेघना वर्मा | Published: April 25, 2018 04:11 PM2018-04-25T16:11:50+5:302018-04-25T16:13:56+5:30
आप सीपी से बने कई वस्तुयें जैसे छनकने वाली सीपियों की लड़ी और छोटे समृति चिन्ह खरीद सकते हैं। आप स्थानीय निवासियों द्वारा निर्मित हथकरघा वस्तुयें भी खरीद सकते हैं।
भारत के आखिरी राज्य और दक्षिण भारत के सबसे खूबसूरत शहर कन्य्कुमारी घूमने के लिए एक परफेक्ट जगह हो सकती है।चारों तरफ बड़े पत्थर, पैर के नीचे गीली रेत, पानी का शोर और सामने गाढ़े लाल रंग के आसमान पर डूबता लाल सूरज।कुछ ऐसा ही बेहतरीन नजारा आपको कन्याकुमारी के तट पर देखने को मिलेगा।आप अपने परिवार के साथ यहां जा रहे हों या अपने दोस्तों के साथ, हनीमून पर जा रहे हों या सोलो ट्रेवल पर ये जगह आपके लिए खास साबित होगी।आज हम आपको कन्याकुमारी के ऐसे ही कुछ जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप अपना परफेक्ट हॉलिडे मना सकते हैं।
विवेकानंद रॉक मेमोरियल
इस स्थान को 1970 में विवेकानंद रॉक मेमोरियल कमेटी ने स्वामी विवेकानंद जी को सम्मान प्रकट करने के लिए बनवाया था। यही पर स्वामी विवेकानंद जी ने गहन ध्यान लगाया था | प्राचीन मान्यताओ के अनुसार इसी स्थान पर कन्याकुमारी ने भी तपस्या की थी। इस स्थान को देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते है।
कन्याकुमारी अम्मन मंदिर
यह मंदिर सागर के दाई ओंर स्थित है जो पार्वती को समर्पित है। यहाँ सागर के लहरों की आवाज स्वर्ग के संगीत की भाति सुनाई देती है।यहां की विशाल प्रतिमा कन्याकुमारी का प्रतीक मानी जाती हैं।यहां आने के लिए आपको शिप से सफर करना होगा। देश-विदेश के पर्यटकों से भरे इस मंदिर में हालांकि किसी चीज को छूने की परमिशन नहीं है।मंदिर के छोर पर खड़े होकर आप दो सागरों को मिलते हुए देख सकते हैं।ध्यान से देखने पर आपको सागर के दो अलग रंग भी दिखाई देंगे।
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कन्याकुमारी बीच
कन्याकुमारी को कन्नियाकुमारी के नाम से भी जाना जाता था, जिसे पहले केप कमोरिन के नाम से जाना जाता था।इस क्षेत्र का नाम देवी कन्या कुमारी मंदिर के नाम से आता है।यह पर्यटन स्थल बहुत ही प्रसिद्ध है।वैसे तो इस बीच पर हमेशा ही लोगों की भीड़ रहती है लेकिन शाम होते होते यहां का नजारा देखने लायक होता है।लोग बड़े चट्टनों पर बैठकर ठंडी हवाओं के बीच सूरज को डूबते देखना पसंद करते हैं।
कोरटालम झरना
इस झरने के पानी को औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है।यह झरना कन्याकुमारी से 137 किमी दूर है।आप यहां जाएं तो अपने साथ खाने का सामन जरूर ले जाएं क्योंकि इस जगह पर आप घर वालों के साथ पिकनिक भी मना सकते हों।
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पदमानभापुरम महल
यह महल भारत के सबसे उत्तम महलो में से एक है। इसे त्रावनकोर के राजा ने बनवाया था । कन्याकुमारी से यह 45 किमी दूर है।
नागराज मन्दिर
यह कन्याकुमारी से 20 किमी दूर नगरकोल में नागराज का मन्दिर नाग देव को समर्पित है।यहाँ पर भगवान विष्णु और शिव के दो अन्य मन्दिर भी है।यहां भी देश और विदेश से आने वाले पर्यटक भगवान के दर्शन करने आते हैं।
कन्याकुमारी में खरीददारी
कन्याकुमारी बहुत ज्यादा खरीददारी करने वालो के लिये नहीं है, हलाँकि कई ऐसे स्थान हैं जहाँ से आप अपने प्रिय लोगों के लिये स्मृति चिन्ह खरीद सकते हैं। आप सीपी से बने कई वस्तुयें जैसे छनकने वाली सीपियों की लड़ी और छोटे समृति चिन्ह खरीद सकते हैं। आप स्थानीय निवासियों द्वारा निर्मित हथकरघा वस्तुयें भी खरीद सकते हैं। ये सुन्दर उत्पाद बेंत, बाँस और लकड़ी के बने होते हैं और इन्हे घर को सजाने या मित्रों तथा रिश्तेदारों को उपहार देने के लिये खरीदा जा सकता है। अपनी खरीददारी की सूची में आप कई प्रकार की सीपियों और कई रंग की बालू से बने छोटे आभूषणों को भी शामिल कर सकते हैं।
शहर की कुछ जानी-मानी दुकानों में इण्डको प्रोडक्ट्स, तमिलनाडु को-ऑप्टेक्स सेल्स इम्पोरियम, तमिलनाडु क्राफ्ट्स और पूमपुहार प्रमुख हैं जहाँ से आप वस्त्र और हस्तशिल्प वस्तुयें खरीद सकते हैं। सड़क पर बिकने वाली वस्तुओं के दाम किफायती होते हैं।