पौराणिक कथाओं में कहा जाता था कि जब कभी भगवान शिव क्रोध में होते हैं तो वो ताडंव करने लगते हैं जिससे धरती हिल जाती है, तेज हवाएं चलने लगती हैं और बादल गरजने लगते हैं। हमारे देश में भगवान शिव के कई मंदिर स्थित है। भगवान शिव के कई मंदिर रहस्यों से भरे हैं जिनका आजतक पता नहीं चल पाया। भगवान शिव का एक ऐसा ही मंदिर स्थित है अहमदाबाद के सुरत में। इस मंदिर सालों से एक अनोखी परंपरा का पालन किया जा रहा है। दरअसल ये मंदिर सूरत में स्थित है जहां पर केकड़े का चढ़ावा किया जाता है।
इसलिए चढ़ाई जाता है केकड़ा
हर मंदिर की अपनी-अपनी परंपरा और मान्यता होती है। सूरत के उमरा में स्थित इस मंदिर की भी अलग परंपरा और मान्यता है। यहां आए दिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर में कई सालों से केकड़े चढ़ाने की परंपरा रही है। यहा आने वाला भक्त अक्सर केकड़ चढ़ाता है। आने वाले भक्तों का कहना है कि केकड़े चढ़ाने से उनका स्वास्थ्य सही-सलामत रहेगा और इससे कान संबंधित बीमारियां भी ठीक होती हैं और तो और मकर संक्रांति के मौके पर जिंदा केकड़े भगवान शिव को चढ़ाए जाते हैं। मंदिर के पुजारी का इस विषय में कहना है कि इस परंपरा का उल्लेख हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ रामायण में मिलता है। उनका मानना है कि ऐसा करने से सब के मन्नते पूरी हो जाती है।
ये है पौराणिक कथा
केकड़े समर्पित करने की ये प्रथा दशकों पुरानी है। इस मामले पर मंदिर के पुजारी का कहना है कि समुद्र की लहर में बह आए एक केकड़े ने भगवान राम को प्रसन्न कर दिया था। जिसके बाद उसे पूजा का एक अभिन्न अंग बने रहने का आशीर्वाद मिला था। इसी वजह से लोग मंदिर में अपनी बीमारी को लेकर आते हैं और उसे चढ़ाते हैं। यहां पर भगवान शिव को केकड़ा चढ़ाया जाता है। पूरा मंदिर परिसर ही ङ्क्षजंदा या मृत केकड़ों से लैस होता है जिसका नजारा बहुत ही अद्भूत होता है। यहां मंदिर के बाहर ही केकड़ों का स्टॉल लगा रहता है जहां से श्रद्धालु के केकड़े खरीदकर ले जाते है और भगवान शिव को चढ़ाते हैं।