यूक्रेन सोवियत संघ के विघटन के बाद 1991 में रूस से अलग हुआ था। यूक्रेन के हालांकि बाद के वर्षों में NATO से जुड़ने की कोशिश से रूस असहमति दिखाता रहा है। रूस को लगता है कि यूक्रेन NATO से जुड़ने से उसकी सुरक्षा हमेशा खतरे में रहगी। रूस का मानना है कि अमेरिका सहित नाटो के अन्य सदस्य देशों की सेनाएं उसकी सीमा के बेहद करीब आ जाएंगी और वह एक तरह से चारों ओर से घिर जाएगा। इसी के खिलाफ रूस कदम उठाने की बात कर रहा है और यूक्रेन पर कार्रवाई की बात कर रहा है। Read More
क्षेत्रीय सैन्य प्रशासन ने एक बयान में कहा कि एनेर्होदार शहर में स्थित जेपोरिजजिया संयंत्र में रिएक्टर संख्या-1 के कंपार्टमेंट को नुकसान पहुंचा है। ...
रूसी राष्ट्रीय रक्षा नियंत्रण केंद्र के प्रमुख कर्नल जनरल मिखाइल मिज़िंटसेव ने गुरुवार को घोषणा की कि 130 रूसी बसें भारतीय छात्रों और अन्य विदेशियों को यूक्रेन के खारकीव और सूमी से रूस के बेलगोरोड क्षेत्र में निकालने के लिए तैयार हैं। ...
यहां आश्चर्य की बात यही है कि इस मतदान में चीन, भारत और पाकिस्तान तीनों ने अपना वोट नहीं दिया। तीनों ने परिवर्जन (एब्सटैन) किया। यानी तीनों राष्ट्र अपने-अपने राष्ट्रहित की सुरक्षा में लगे हुए हैं... ...
पिछली रात टाइम्स नाउ के एंकर राहुल शिवशंकर यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे जिसमें रॉन पॉल इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक डैनियल मैकएडम्स और कीव पोस्ट के मुख्य संपादक बोहदान नाहायलो बतौर पैनिल्सट शामिल थे। इस दौरान वह देर तक गलत पैनलिस्ट पर चिल्लात ...
यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूस में फेसबुक सहित कई मीडिया वेबसाइट आंशिक रूप से डाउन हैं। ऐसा माना जा रहा है कि रूस द्वारा यह कदम यूक्रेन में हो रही जंग के खिलाफ आवाज उठाने वालों की जुबान पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है। ...
यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस संयंत्र में आग पहले ही लग चुकी है और अगर इसमें धमाका हुआ तो यह चेरनोबिल से 10 गुना बड़ा होगा। ...