नर्क चतुर्दशी या फिर नरक चौदस, यह पर्व दीपावली से ठीक एक दिन पहले आता है। इसदिन नरक से मुक्ति पाने के लिए यमराज की पूजा की जाती है। शाम होने पर लोग अपने घरों में दीपदान करते हैं। ये डीप नर्क के राजा यमराज के लिए जलाए जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यमराज प्रसन्न हो जाएं, पापों को क्षमा कर दें और नरक की यातनाओं से मुक्ति दिला दें। नर्क चतुर्दशी से एक दिन पहले धनतेरस, इससे अगले दिन दीपावली और फिर उससे अगले दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है।