मानसून के मौसम में भारी बारिश, मच्छर और उमस से सर्दी, खांसी, मलेरिया, डेंगू, पेट का संक्रमण, दस्त, बुखार, टाइफाइड और निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हर साल इन रोगों से सैकड़ों लोगों की मौत होती है. इस मौसम में इम्युनिटी कमजोर होने से इन्फेक्शन का अधिक खतरा होता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बारिश के मौसम में कुछ उपायों को ध्यान में रखकर आप इन बीमारियों से बच सकते हैं. Read More
मानसून चिलचिलाती गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन शरीर के लिए कई चुनौतियां भी लेकर आता है, जिनमें फ्लू, कमजोर प्रतिरक्षा और विभिन्न त्वचा स्वास्थ्य समस्याएं जैसे नमी के कारण बढ़े हुए मुंहासे और फंगल संक्रमण शामिल हैं। ...
बच्चों में मानसून में दस्त का प्रमुख कारण खाद्य जनित रोगजनक हैं। खाद्य जनित बीमारियों को रोकने के लिए खाद्य पदार्थों का उचित प्रबंधन और पकाना महत्वपूर्ण है। फलों और सब्जियों को खाने, काटने या पकाने से पहले साफ, बहते पानी में अच्छी तरह धो लें। ...
मानसून के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस या आंखों का लाल हो जाना एक आम समस्या है। यह वायरस, बैक्टीरिया, एलर्जी या जलन पैदा करने वाले कारकों के कारण होता है। ...
आने वाले महीनों के दौरान सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए भोजन की गुणवत्ता और शुद्धता पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। मानसून के मौसम में प्रदूषण और खाद्य जनित बीमारियों के बढ़ते खतरे के कारण कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज किया जाना चाहिए। ...
आईएमडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' ने शुक्रवार को कहा, "गैंगेटिक पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में यह गर्म हवाएं चलेंगी"। इस बीच एएनआई पर बच्चों की डॉक्टर अनुसुया ने इसे लेकर प्रेगनेंट महिलाओं, न्यूबॉर्न बेबी और किड्स को लेकर सतर्क करते कुछ टिप्स ...
अल नीनो प्रभाव के ला नीना में तब्दील होने की प्रक्रिया शुरू हो जाने के कारण अच्छे मानसून के अनुकूल हालात बन रहे हैं। हालांकि, स्काईमेट के पूर्वानुमान से बिहार समेत पूर्वी राज्यों में चिंता पैदा हो सकती है क्योंकि यहां कम बारिश का अंदेशा जताया गया है। ...