मायावती बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। मायावती चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। ये राज्यसभा सांसद भी रह चुकी हैं। इनका जन्म 15 जनवरी 1956 को नई दिल्ली में एक हिंदू जाटव परिवार में हुआ था। लोग सम्मान में इन्हें बहन जी कह कर पुकारते हैं। इन्होंने स्नातक 1975 में कालिंदी कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय से की है। इसके बाद इन्होंने एल एल बी 1983 में मेरठ विश्वविद्यालय से की है। Read More
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों एक साक्षात्कार में कहा था, "बसपा ने अपनी प्रासंगिकता aबनाए रखी है। हमारा मानना है कि उसे वोट मिलेंगे, मुझे नहीं पता कि वह कितनी सीटें पाएगी, लेकिन उसे वोट जरूर मिलेंगे।" ...
लखनऊ के नगर नर्सरी स्कूल के मतदान केंद्र पर बसपा प्रमुख मायावती अपना वोट डालती नजर आईं। इस दौरान मायावती ने कहा, बसपा को अकेले सभी वर्गों का वोट मिल रहा है। भाजपा, सपा जीत का दावा कर रहे हैं, कई ऐसा ना हो कि उनके दावे धरे के धरे रह जाए। ...
विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा और फतेहपुर जिलों की कुल 59 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में कुल 624 उम्मीदवार मैदान में हैं। ...
केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारे पर चलने वाली पार्टी है और उसने दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और मुस्लिमों के लिए चलाई गई योजनाओं को बंद कर ...
UP Election 2022: बसपा अध्यक्ष मायावती ने केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारे पर चलने वाली पार्टी है और उसने दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और मुस्लिमों के लिए ...
UP Assembly Elections 2022: आम आदमी पार्टी मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साइकिल को आतंकवाद से जोड़े जाने को 'गरीबों पर चोट' करार देते हुए उत्तर प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में भाजपा विर ...
UP Election 2022: स्थानीय लोगों को नौकरी के लिए दूसरे स्थानों पर पलायन करना पड़ता था और जब 2007 में बसपा सत्ता में आई तो उसने यहां से डकैतों का सफाया कर दिया। ...
मायावती द्वारा पिछले बीस साल में जिस शैली की राजनीति की गई, उसके संचित परिणाम के कारण आज उनके साथ न तो अति-पिछड़े हैं न ही मुसलमान। ये वोट उन्हें तब मिलते हैं जब वे इनमें से किसी को टिकट देती हैं। ...