मल्लिकार्जुन खड़गे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नए अध्यक्ष हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच ‘सोलिल्लादा सरदारा’ (अजेय नेता) के रूप में लोकप्रिय मल्लिकार्जुन ने देश की सबसे पुरानी पार्टी के प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल ली है। सार्वजनिक जीवन अपने गृह जिले गुलबर्ग (अब कलबुर्गी) में एक यूनियन नेता के रूप में शुरू हुआ और वर्ष 1969 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए तथा गुलबर्ग शहरी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक खासकर हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र में नरेंद्र मोदी लहर के बावजूद गुलबर्ग से 74 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की। वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव के जरिए राष्ट्रीय राजनीति में आने से पहले उन्होंने गुरुमितकल विधानसभा क्षेत्र से नौ बार जीत दर्ज की। गुलबर्ग से दो बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। हालांकि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में खड़गे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता उमेश जाधव से गुलबर्ग में 95,452 मतों से हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा में वर्ष 2014 से 2019 तक कांग्रेस के नेता रहे। Read More
Bihar Assembly Elections: कांग्रेस ने अपने सभी 61 प्रत्याशियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें, जिसमें हार के कारणों, स्थानीय मुद्दों के प्रभाव, संगठनात्मक कमजोरियों तथा बूथ स्तर पर पार्टी की स्थिति का उल्ल ...
Karnataka Congress tussle: शिवकुमार का समर्थन करने वाले विधायकों के एक समूह के दिल्ली जाने के बारे में पूछे गए सवाल पर सिद्धरमैया ने कहा, "उन्हें (विधायकों को) जाने दीजिए, विधायकों को स्वतंत्रता है। देखते हैं वे क्या राय देते हैं। अंततः, फैसला आलाकमा ...
एच सी बालकृष्ण (मगदी), के एम उदय (मद्दूर), नयना मोटाम्मा (मुदिगेरे), इकबाल हुसैन (रामनगर), शरथ बाचेगौड (होसाकोटे) और शिवगंगा बसवराज (चन्नागिरी) शामिल हैं। ...
कर्नाटक में कांग्रेस सरकार का पांच में से ढाई साल का कार्यकाल 20 नवंबर को पूरा हो गया। ऐसे में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच सत्तारूढ़ पार्टी में सत्ता संघर्ष तेज हो गया है। ...
Rajasthan Assembly Elections 2028: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में राजस्थान में कांग्रेस संगठन को और अधिक सशक्त करें व आने वाले समय में ऐतिहासिक जनसमर्थन हासिल कर न्याय के संकल्प को सिद्ध क ...
डॉ सरवत जहां फातमा ने लिखा कि महिला नेतृत्व और राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने का लक्ष्य इस चुनाव में पूरा नहीं हो सका और यही उनके त्यागपत्र का प्रमुख कारण है। ...