2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचन्द गांधी को दुनिया महात्मा गांधी के नाम से जानती है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। वे सत्य और अहिंसावादी थे। उन्होंने 200 सालों की अंग्रेजी हुकुमत को अहिंसावादी अंदोलनों से उखाड़ फेंका। इसमें स्वदेशी अंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलन हैं। आजादी के वक्त वह भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के खिलाफ थे। आजादी के बाद 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। Read More
गांधीजी के लिए जन्मदिन सामान्य दिनों की तरह होता था, वह उस दिन भी अपने काम में लगे रहते थे. पर 2 अक्तूबर, 1947 को वे बहुत निराश और असहाय थे. देश के बंटवारे से वे बहुत निराश थे. मृत्यु उनके मन पर बहुत हावी थी. ...
महात्मा गांधी जब पहली बार 12 मार्च 1915 को राजधानी दिल्ली आए तो सेंट स्टीफंस कॉलेज में ठहरे थे। दिल्ली प्रवास के दौरान सेंट स्टीफंस कॉलेज में रुकने का आग्रह उनके करीबी सहयोगी दीनबंधु सीएफ एंड्रयूज ने किया था। ...
स्वच्छता ही सेवा अभियान में सहयोगी नगर निगम जबलपुर के पांच सफाई कर्मियों का केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सम्मान किया। साथ ही हाथों में झाड़ू थामकर उनके साथ सामूहिक तौर पर झाड़ू लगाकर परिसर की साफ सफाई की। ...
1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने के बाद देश की राष्ट्रीय मुद्रा में उनकी तस्वीर को उकेरा जाना एक विकल्प के रूप में देखा गया। लेकिन इसे कई दशक लग गए और फिर साल 1996 में उनकी तस्वीर को भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रा पर लाने की अनुमति दी। ...
15 अगस्त 1947 से दूर होने के पीछे महात्मा गांधी का एक खास मकसद था। इस कारण बापू को 9 अगस्त 1947 को ही दिल्ली से कोलकाता पहुंचना पड़ा। पहुंचते ही उन्होंने शांति मिशन पर काम करना शुरू किया और वो इसमें कामयाब भी हुए। ...