मोदी सरकार ने 58 साल पुराना प्रतिबंध हटाया, अब सरकारी अधिकारी RSS के कार्यक्रमों में ले सकते हैं हिस्सा, कांग्रेस का तंज- 'नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है'
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 22, 2024 11:53 IST2024-07-22T11:52:14+5:302024-07-22T11:53:44+5:30
साल 1966 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यह प्रतिबंध लगाया था जिसे अब मोदी सरकार ने खत्म कर दिया है। इस कदम की कांग्रेस नेताओं ने कड़ी आलोचना की।

संघ की एक शाखा ( फाइल फोटो)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते एक आदेश जारी कर आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी अधिकारियों की भागीदारी पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। यह प्रतिबंध 58 साल से लागू था। साल 1966 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यह प्रतिबंध लगाया था जिसे अब मोदी सरकार ने खत्म कर दिया है। इस कदम की कांग्रेस नेताओं ने कड़ी आलोचना की।
केंद्र सरकार के इस फैसले की जानकारी भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने दी। उन्होंने आदेश का एक स्क्रीनशॉट साझा किया और कहा कि 58 साल पहले जारी एक "असंवैधानिक" निर्देश को मोदी सरकार ने वापस ले लिया है।
एक्स पर अमित मालवीय ने लिखा, "समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि 30 नवंबर 1966, 25 जुलाई 1970 और 28 अक्टूबर 1980 को जारी हुए सरकारी आदेशों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम हटा दिया जाए। साल 1966 में यानी 58 साल पहले जारी असंवैधानिक आदेश जिसमें RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसे मोदी सरकार द्वारा वापस ले लिया गया है. इस आदेश को पहले ही पारित नहीं किया जाना चाहिए था।"
The unconstitutional order issued 58 years ago, in 1966, imposing a ban on Govt employees taking part in the activities of the Rashtriya Swayamsevak Sangh has been withdrawn by the Modi Govt. The original order shouldn’t have been passed in the first place.
— Amit Malviya (@amitmalviya) July 22, 2024
The ban was imposed… pic.twitter.com/Gz0Yfmftrp
हालांकि कांग्रेस पार्टी इस फैसले से खुश नहीं है और पार्टी के महासचिव जयराम नरेश ने एक्स पर एक लंबी पोस्ट लिखकर सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा। जयराम नरेश ने कहा, "फरवरी 1948 में गांधी जी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया. इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया. 1966 में RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था।"
उन्होंने आगे लिखा, "4 जून, 2024 के बाद प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है। 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया, जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान भी लागू था। मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है।"
फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 21, 2024
इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।
1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया… pic.twitter.com/17vGKJmt3n
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया। 1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया।"