United Nations 24 oct 1945: पिछले 79 वर्षों में कितना बदला है संयुक्त राष्ट्र?
By योगेश कुमार गोयल | Published: October 24, 2024 05:18 AM2024-10-24T05:18:25+5:302024-10-24T05:18:25+5:30
United Nations 24 oct 1945: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के बहुत से देशों ने शांति और सद्भावना कायम करने के लिए एक संगठन की स्थापना का विचार रखा और इस दिशा में समन्वित प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का विचार मूर्त रूप ले पाया.
United Nations 24 oct 1945: वर्ष 1945 में दुनिया के 50 देशों ने मिलकर संयुक्त राष्ट्र अधिकार पत्र पर हस्ताक्षर कर संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया था. दरअसल द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अधिक समतापूर्ण और न्यायोचित बनाने के लिए एक नए संगठन की स्थापना का विचार उभरा था, जो पांच राष्ट्रमंडल सदस्यों तथा आठ यूरोपीय निर्वासित सरकारों द्वारा 12 जून 1941 को लंदन में हस्ताक्षरित अंतर-मैत्री उद्घोषणा में पहली बार सार्वजनिक रूप से अभिव्यक्त हुआ था. उस उद्घोषणा में एक स्वतंत्र विश्व के निर्माण हेतु कार्य करने का आह्वान किया गया था, जिसमें लोग शांति और सुरक्षा के साथ भयमुक्त वातावरण में रह सकें तथा निजीकरण एवं आर्थिक सहयोग के मार्ग की खोज कर सकें.
उसके बाद 1944 में सोवियत संघ, अमेरिका, चीन तथा ब्रिटेन के प्रतिनिधियों द्वारा वाॅशिंगटन के डम्बर्टन ओक्स एस्टेट में कई बैठकों के बाद एक शांतिरक्षक वैश्विक संस्था बनाने की रूपरेखा तैयार की गई, जिसके आधार पर 50 देशों के प्रतिनिधियों के बीच 1945 में बातचीत हुई और 26 जून 1945 को सभी 50 देशों द्वारा चार्टर पर हस्ताक्षर करने के बाद यह चार्टर 24 अक्तूबर 1945 से प्रभावी हो गया.
तभी से प्रतिवर्ष 24 अक्तूबर को ‘संयुक्त राष्ट्र दिवस’ मनाया जाने लगा. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से ही दुनिया के अनेक देश इसके साथ जुड़ते गए और 50 सदस्यों के साथ शुरू हुए इस वैश्विक संघ के सदस्य देशों की संख्या अब 193 हो चुकी संयुक्त राष्ट्र की संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश थे अमेरिका, फ्रांस, रूस तथा यूनाइटेड किंगडम, जिनकी द्वितीय विश्वयुद्ध में अहम भूमिका थी. हालांकि विडम्बना है कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के इन 79 वर्षों में यह वैश्विक संस्था अब धीरे-धीरे अपनी प्रासंगिकता खोने लगी है.
दरअसल बीते 79 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय व्यापार, अर्थव्यवस्था, हथियार, मीडिया, समाज, मुद्रा तथा समाज से संबंधित तमाम नीतियां इसके पांच स्थायी सदस्य देशों ब्रिटेन, अमेरिका, चीन, रूस तथा फ्रांस के राष्ट्रीय हितों के अनुरूप ही निर्धारित की जाती रही हैं.
ऐसी नीतियों का खामियाजा भारत के अलावा जापान, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों को भुगतना पड़ा है, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा की स्थायी सदस्यता के लिए तमाम मानदंडों को पूरा करने के बाद भी दशकों से सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य बनने के लिए प्रयासरत है.