महाभारत युद्ध में कौरवों ने सबसे पहले भीष्म पितामह को अपना सेनापति बनाया था। पितामह के बाणों के सामने पांडवों की सेना का लगातार नुकसान हो रहा था लेकिन अर्जुन समेत पांचों भाई सुरक्षित रहे। इसे देख दुर्योधन काफी नाराज था। ...
महाभारत के युद्ध के ठीक बाद अर्जुन के रथ में आग लग गई थी और ये जलकर स्वाहा हो गया। यह ऐसा रथ था जो जररूत पड़ने पर किसी भी दिशा और किसी भी लोक में भ्रमण कर सकता था। ...
युद्ध के बीच ही कर्ण के रथ का पहिया धरती में धंस गया। कर्ण जब उस पहिये को निकालने में व्यस्त थे, तभी अर्जुन ने श्रीकृष्ण के कहने पर बाण चलाकर कर्ण का सिर धड़ से से अलग कर दिया। ...
कथा के अनुसार श्रीकृष्ण की मृत्यु के बाद जब पांडवों ने उनका अंतिम संस्कार किया तो मानव शरीर तो अग्नि देव को समर्पित हो गया लेकिन उनका दिल जलता रहा। ...
क्या आपको मालूम है कि इस लड़ाई के ठीक बाद धृतराष्ट्र अपने पुत्र दुर्योधन की मृत्यु से इतने हताश थे कि उन्होंने भीम को मारने की योजना बना ली थी। धृतराष्ट्र अपनी इस योजना में कामयाब भी हो जाते अगर श्रीकृष्ण ने चतुराई से काम नहीं लिया होता। ...
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित असीरगढ़ के किले का संबंध महाभारत काल से बताया जाता है। यह जगह खांडव जिले के पास है जो उस समय खांडव क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। ...