लद्दाख एक ऊंचा पठार है जिसका अधिकतर हिस्सा 3,500 मीटर (9,800 फीट) से ऊंचा है। यह हिमालय और कराकोरम पर्वत श्रृंखला और सिन्धु नदी की ऊपरी घाटी में फैला है। करीब 33,554 वर्गमील में फैले लद्दाख में बसने लायक जगह बेहद कम है। यहां हर ओर ऊंचे-ऊंचे विशालकाय पथरीले पहाड़ और मैदान हैं। यहां के सभी धर्मों के लोगों की जनसंख्या मिलाकर 2,36,539 है। लद्दाख के पूर्वी हिस्से में लेह के आसपास रहने वाले निवासी मुख्यतः तिब्बती, बौद्ध और भारतीय हिन्दू हैं, लेकिन पश्चिम में करगिल के आसपास जनसंख्या मुख्यतः भारतीय शिया मुस्लिमों की है। तिब्बत पर कब्जे के दौरान बहुत से तिब्बती यहां आकर बस गए थे। लद्दाख को चीन, तिब्बत का हिस्सा मानता है। सिन्धु नदी लद्दाख से निकलकर ही पाकिस्तान के कराची तक बहती है। प्राचीनकाल में लद्दाख कई अहम व्यापारिक रास्तों का प्रमुख केंद्र था। Read More
कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि क्या यह सच नहीं कि 19 जनवरी 2011 को भारतीय जनता पार्टी के उस वक्त के अध्यक्ष नितिन गडकरी भाजपा के एक प्रतिनिधि मंडल को चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर ले गए थे जिसका मक़सद , भाजपा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के संबंधों को और ...
रक्षा सूत्रों ने दावा किया की मोल्डो में 22 जून को हुई कोर कमांडर स्तर की बातचीत के बाद आज गलवान वैली में चीनी सेना करीब 800 मीटर पीछे हटी है पर वह अभी भी भी एलएसी के इस ओर है। उसने कुछ सैनिकों व सैनिक वाहनों को पीदे हटाया है। ...
भारतीय पक्ष इसे जमीन पर बार्डर रेखा के रेखांकित न होने की स्थिति में भ्रम करार दे रहा हे। जबकि हालत यह है कि लाल सेना सैनिक साजो समान और हजारों की संख्या में आ डटी है। सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख के उत्तर, मध्य और दक्षिण के 6 हिस्सों में चीनी सेना घुस ...
भारत और चीन के बीच गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग त्सो झील में तनाव चरम पर है। बड़ी संख्या में भारत और चीन के सैनिक LAC पर पूरे साजो सामान के साथ तैनात कर दिए गए हैं। इस बीच चीन ने उत्तरी लद्दाख के डेपसांग में भी मोर्चा खोल दिया है। इसे विवादित ...
Ladakh face off: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘‘संभवत: सबसे अच्छी बात मैं कह सकता हूं कि हम दोनों पक्षों को सीमा पर मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।’’ ...
साल 1962 में जब भारत बातचीत के जरिए सीमा विवाद सुलझाने में लगा था तो चीन ने धोखे से हमला कर दिया था और बढ़त ले ली थी। चीन की कुछ ऐसी ही चालबाज़ी एकबार फिर देखने को मिल रही है। एक तरफ चीन सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत के साथ सैन्य और कूटनीतिक वार्त ...