लद्दाख एक ऊंचा पठार है जिसका अधिकतर हिस्सा 3,500 मीटर (9,800 फीट) से ऊंचा है। यह हिमालय और कराकोरम पर्वत श्रृंखला और सिन्धु नदी की ऊपरी घाटी में फैला है। करीब 33,554 वर्गमील में फैले लद्दाख में बसने लायक जगह बेहद कम है। यहां हर ओर ऊंचे-ऊंचे विशालकाय पथरीले पहाड़ और मैदान हैं। यहां के सभी धर्मों के लोगों की जनसंख्या मिलाकर 2,36,539 है। लद्दाख के पूर्वी हिस्से में लेह के आसपास रहने वाले निवासी मुख्यतः तिब्बती, बौद्ध और भारतीय हिन्दू हैं, लेकिन पश्चिम में करगिल के आसपास जनसंख्या मुख्यतः भारतीय शिया मुस्लिमों की है। तिब्बत पर कब्जे के दौरान बहुत से तिब्बती यहां आकर बस गए थे। लद्दाख को चीन, तिब्बत का हिस्सा मानता है। सिन्धु नदी लद्दाख से निकलकर ही पाकिस्तान के कराची तक बहती है। प्राचीनकाल में लद्दाख कई अहम व्यापारिक रास्तों का प्रमुख केंद्र था। Read More
चीन से सीमा पर तनातनी के बीच भारतीय वायुसेना पिछले कुछ दिनों से लगातार अपना अभ्यास जारी रखे हुए है। इसी क्रम में वायुसेना का पराक्रम सोमवार रात भी एलएसी के करीब दिखा। ...
भारत-चीन सीमा विवाद: पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध मई महीने से है। ये गतिरोध खूनी हिंसक झड़प में 15 जून को तब्दील हुआ। 15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। हालांकि चीन ने अपने जवानों के हताहता होने ...
चीनी सैनिकों ने सोमवार को गलवान घाटी से अपने तंबुओं को हटा लिया और वे गलवान घाटी में गश्ती बिन्दु ‘प्वाइंट 14’ के आसपास से 1.5 किलोमीटर तक पीछे चले गए हैं। ...
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मई महीने से जारी विवाद को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. चीन के सैनिक गलवान, हॉटस्परिंग और गोगरा में वापस जाते दिखे. खासकर गलवान में भारत की बड़ी जीत हुई है. 15 जून को जिस जगह पर दोनों देशों की सेनाएं ...
चीनी सैनिकों के गलवान घाटी में पीछे हटने की खबरों के बीच कांग्रेस ने सवाल किया है कि अगर चीनी सैनिक पीछे हट रहे तो क्या इसका ये मतलब नहीं कि वे भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। साथ ही कांग्रेस ने पूछा कि क्या पीएम नरेंद्र मोदी इस संबंध में अपने पूर्व के ...
चीन के पूर्व मिलिट्री ऑफिसर जियानिल यांग ने दावा किया है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में 100 से ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हुई है। जियानिल यांग चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के बेटे हैं और चीनी मिलिट्री के साथ भी रह चुके हैं। ...
तिब्बत की निर्वासित संसद ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “हम प्रार्थना करते हैं ताकि परम पावन दलाई लामा सौ कल्प तक जिएं, उनकी सारी इच्छाएं तत्काल पूरी हों और तिब्बत का लक्ष्य निश्चित ही पूरा हो।” ...