Fact Check: चीन के पूर्व मिलिट्री ऑफिसर का दावा-गलवान में मारे गए 100 से ज्यादा चीनी सैनिक, जानें क्या है पूरी सच्चाई
By स्वाति सिंह | Published: July 6, 2020 09:09 PM2020-07-06T21:09:41+5:302020-07-06T21:09:41+5:30
चीन के पूर्व मिलिट्री ऑफिसर जियानिल यांग ने दावा किया है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में 100 से ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हुई है। जियानिल यांग चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के बेटे हैं और चीनी मिलिट्री के साथ भी रह चुके हैं।
बीजिंग: बीते महीनें चीन और भारत के बीच हुई हिंसक झड़प 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। लेकिन चीन ने अपने यहां के मारे गए सैनिकों की कोई जानकारी नहीं दी। हालांकि, चीन के सरकारी अखबार ने पीएलए के कुछ सैनिक इस टकराव में मारे जाने की बात को स्वीकार किया है। इसी बीच चीन के एक पूर्व मिलिट्री ऑफिसर का दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
चीन के पूर्व मिलिट्री ऑफिसर जियानिल यांग ने दावा किया है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में 100 से ज्यादा चीनी सैनिकों की मौत हुई है। जियानिल यांग चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के बेटे हैं और चीनी मिलिट्री के साथ भी रह चुके हैं। उनके दावे में कितनी सच्चाई यह कहना मुश्किल है लेकिन कुछ विशेषज्ञ उनके इस दावे को सच मान रहे हैं। हालांकि चीन मामलों के जानकारों की माने तो यह देश कभी नहीं स्वीकारता है कि उसके सैनिक किसी युद्ध में मारे गए हैं।
This is BIG : More than 100 Chinese Soldiers Killed in Galwan : Chinese Military Official Accepted https://t.co/D3g7sWmrcr
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) July 6, 2020
100 चीनी सैनिकों के मारे जाने वाले दावे की कोई पुष्टि नहीं
द वाशिंगटन पोस्ट के एक आर्टिकल में यांग ने लिखा था कि बीजिंग को यह डर है कि उसने अपने प्रतिद्वंद्वी की संख्या में अपने ज्यादा सैनिकों को खो दिया है। वे इसे स्वीकार करने से डरते हैं क्योंकि इससे बड़ी अशांति पैदा हो सकती है। जिससे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के शासन को भी दांव पर लगा सकती है।' इस झड़प में चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं। लेकिन संख्या के बारे में कुछ भी आधिकारिक जानकारी नहीं है। चीन इस तथ्य को कभी स्वीकार नहीं करेगा और यह बताने के लिए भी कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है कि चीनी पक्ष के 100 सैनिकों की मौत गैलवान घाटी में हुई थी।
गौर करें तो चीन ने आधिकारिक तौर पर इस बात को भी कभी नहीं माना है कि 1962 में भारत के खिलाफ हुई जंग में उसके सैनिक मारे गए थे। इसके अलावा वह कोरियन वॉर में भी अपने सैनिकों की मौत को मानने से इनकार कर देता है।
भारतीय सेना के 20 जवान शहीद
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए । पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
सेना ने शुरू में मंगलवार को कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए । लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक 'जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है। इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है।'
चीन का जवानों के हताहत होने पर टिप्पणी से किया इनकार
वहीं, भारत सरकार ने कहा है कि भारतीय सैनिकों की तरफ से पलटवार में चीन के 43 सैनिकों की मौत हुई है और घायल हुए हैं। हालांकि चीन ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद बुधवार को दावा किया कि घाटी पर ‘‘हमेशा से उसी की’’ सम्प्रभुता रही है, लेकिन उसने इस बात को रेखांकित किया कि बीजिंग ‘‘और झड़पें’’ नहीं चाहता है। भारत ने मंगलवार को कहा था कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता, तो दोनों पक्षों को हुए नुकसान से बचा जा सकता था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘गलवान घाटी पर हमेशा से चीन की ही सम्प्रभुता रही है।’’