राहुल गांधी ने मोदी सरकार से पूछे 3 सवाल, गलवान घाटी में हमारी क्षेत्रीय संप्रुभता का जिक्र क्यों नहीं है?

By निखिल वर्मा | Published: July 7, 2020 12:09 PM2020-07-07T12:09:13+5:302020-07-07T12:14:11+5:30

चीनी सैनिकों ने सोमवार को गलवान घाटी से अपने तंबुओं को हटा लिया और वे गलवान घाटी में गश्ती बिन्दु ‘प्वाइंट 14’ के आसपास से 1.5 किलोमीटर तक पीछे चले गए हैं।

why is china allowed to justify murder of 20 unarmed jawans in our territory asks rahul gandhi | राहुल गांधी ने मोदी सरकार से पूछे 3 सवाल, गलवान घाटी में हमारी क्षेत्रीय संप्रुभता का जिक्र क्यों नहीं है?

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले आठ सप्ताह से पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर तनातनी जारी है।

Highlightsभारत इस बारे में कड़ी नजर रख रहा है कि क्या चीन अपने सैनिकों को हटा रहा है।चीनी सैनिकों के पीछे हटने की खबरों के बीच भारतीय वायुसेना पूरी रात हाई अलर्ट पर रही

लद्दाख सीमा विवाद पर एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाया है। सोमवार को खबर आई थी कि चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों से अपनी सीमित वापसी शुरू कर दी है। इससे एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात की जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए। आज राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में एनएसए अजीत डोवाल और वांग यी की बातचीत को लेकर दोनों पक्षों की ओर से जारी किए गए बयान को शेयर किया। उन्होंने सरकार से तीन सवाल पूछे।

उन्होंने लिखा 'राष्ट्रहित सर्वोपरि है। भारत सरकार का कर्तव्य है कि वो इसकी रक्षा करे। यथास्थिति को लेकर दबाव क्यों नहीं डाला गया है? चीन हमारे भूभाग में 20 निहत्थे जवानों की हत्या को सही कैसे ठहरा पा रहा है? गलवान घाटी में हमारी क्षेत्रीय संप्रुभता का जिक्र क्यों नहीं है।'

राहुल गांधी ने इन्हीं सवालों के साथ भारत और चीन के द्वारा जारी किए गए बयानों की तस्वीरें भी डाली। इनमें चीन के बयान के एक हिस्से को हाइलाइट किया गया है। हाइलाइट वाले हिस्से में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि गलवान घाटी में क्या सही हुआ और क्या गलत इसकी तस्वीर पूरी तरह से साफ है। चीन अपने क्षेत्र की संप्रभुता की रक्षा करेगा, इसके साथ-साथ बॉर्डर पर शांति स्थापित करने की कोशिश करेगा।

गलवान घाटी में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच हुई थी खूनी झड़प

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले आठ सप्ताह से पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर तनातनी जारी है। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच गत 30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की तीसरे दौर की वार्ता हुई थी जिसमें दोनों पक्ष गतिरोध को समाप्त करने के लिए ‘‘प्राथमिकता’’ के रूप में तेजी से और चरणबद्ध तरीके से कदम उठाने पर सहमत हुए थे।

लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की वार्ता छह जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने गतिरोध वाले सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया था जिसकी शुरुआत गलवान घाटी से होनी थी।

इसके बाद दोनों पक्षों के बीच 22 जून को भी बैठक हुई थी जिसमें सभी टकराव बिन्दुओं से पीछे हटने पर पारस्परिक सहमति बनी थी। हालांकि, स्थिति तब बिगड़ गई जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। झड़प में चीनी सेना को भी काफी नुकसान होने की खबर है हालांकि उसने अब तक इसका ब्योरा साझा नहीं किया है। इस घटना के बाद दोनों देशों ने एलएसी से लगते अधिकतर क्षेत्रों में अपनी-अपनी सेनाओं की तैनाती और मजबूत कर दी। 

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