द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, इसके हिन्दी मायने होते हैं- द्रविड़ प्रगति संघ। इसे द्रमुक और डीएमके कहकर भी पुकारते हैं। इस पार्टी का गठन एम करुणानिधि ने 1949 में किया था। इसके बाद यह पार्टी तमिलनाडु में सालों तक सत्ता में रही। पार्टी का उद्गम प्रमुख रूप से हिन्दी विरोधी आंदोलनों से हुआ था। लेकिन बाद में इसका प्रमुख मुद्दा समाजिक समानता, खासकर हिन्दू जाति प्रथा के सन्दर्भ में, तथा द्रविड़ लोगो का प्रतिनिधित्व करना हो गया था।