देश के महत्वाकांक्षी बेहद कम लागत वाले अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए इसरो ने 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपने शक्तिशाली जीएसएलवी-एमकेIII-एम 1 के जरिये ‘चंद्रयान 2’ को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक ...
देश के महत्वाकांक्षी बेहद कम लागत वाले अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए इसरो ने 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपने शक्तिशाली जीएसएलवी-एमकेIII-एम 1 के जरिये ‘चंद्रयान 2’ को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक ...
इसरो अब तक 'चंद्रयान-2' को पृथ्वी की कक्षा में ऊपर उठाने के पांच प्रक्रिया चरणों को अंजाम दे चुका है. पांचवें प्रक्रिया चरण को 6 अगस्त को अंजाम दिया गया था. इसके बाद इसरो ने कहा था कि अंतरिक्ष यान के सभी मानक सामान्य हैं. 'कक्षीय उत्थापन' (यान को कक् ...
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक समझे जाने वाले डॉ. विक्रम साराभाई की जन्मशती समारोह में हिस्सा लेने सिवन अहमदाबाद आए हुए थे. इसरो प्रमुख ने कहा कि 3850 किलोग्राम के चंद्रयान-2 में तीन हिस्से हैं जिसमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर है. ...
मोदी ने कहा,‘‘ वह कहते थे कि समाज के सामने मौजूद समस्याओं का समाधान करने के लिए नयी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से भारत के लोगों को नहीं हिचकना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह डॉ. साराभाई का दृष्टिकोण था जिसकी वजह से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भ ...
इससे पहले चार अगस्त को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘चंद्रयान 2’ से ली गई पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सेट जारी किया था। इसरो कहा कि इन तस्वीरों से संकेत मिलता है कि यह मिशन अच्छी स्थिति में है। ...
वैसे चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के बाद कई ऐसी तस्वीरें आयी थीं जिनके बारे में दावा किया गया था कि उन्हें चंद्रयान-2 ने खींचा है, लेकिन इसरो ने कहा था कि ये तस्वीरें चंद्रयान-2 ने नहीं खींचीं। भारत ने अपने सबसे शक्तिशाली रॉकेट के माध्यम से चंद्रयान-2 मिश ...