'चंद्रपथ' पर बढ़ा चंद्रयान-2, ISRO वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण अभियान प्रक्रिया को दिया अंजाम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 14, 2019 08:21 AM2019-08-14T08:21:08+5:302019-08-14T08:21:08+5:30
इसरो अब तक 'चंद्रयान-2' को पृथ्वी की कक्षा में ऊपर उठाने के पांच प्रक्रिया चरणों को अंजाम दे चुका है. पांचवें प्रक्रिया चरण को 6 अगस्त को अंजाम दिया गया था. इसके बाद इसरो ने कहा था कि अंतरिक्ष यान के सभी मानक सामान्य हैं. 'कक्षीय उत्थापन' (यान को कक्षा में ऊपर उठाने) की प्रक्रिया को यान में उपलब्ध प्रणोदन प्रणाली के जरिए अंजाम दिया जाता है.
'चंद्रयान-2' बुधवार को धरती की कक्षा छोड़कर चांद पर पहुंचने के लिए 'चंद्रपथ' पर अपनी यात्रा की. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक इसे चंद्रपथ पर डालने के लिए महत्वपूर्ण अभियान प्रक्रिया 'ट्रांस लूनर इंसर्शन' (टीएलआई) को भारतीय समयानुसार बुधवार तड़के 3 बजे से सुबह 4 बजे के बीच अंजाम दिया.
इसरो ने कहा कि चंद्रयान-2 के 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने और 7 सितंबर को इसके चंद्र सतह पर उतरने की उम्मीद है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष के. सिवन ने सोमवार को बताया था कि 14 अगस्त को तड़के करीब 3.30 बजे हम 'ट्रांस लूनर इंजेक्शन' नामक अभियान प्रक्रिया को अंजाम देने जा रहे हैं. इस अभियान चरण के बाद 'चंद्रयान-2' धरती की कक्षा को छोड़ और चांद की तरफ बढ़ गया. 20 अगस्त को हम चंद्र क्षेत्र में पहुंचेंगे.'' उन्होंने कहा, ''उसके बाद हमने चांद के आस-पास सिलसिलेवार अभियान प्रक्रियाओं को अंजाम देने की योजना बनाई है और अंतत: 7 सितंबर को हम चांद पर इसके दक्षिणी ध्रुव के नजदीक उतरेंगे.''
इसरो अब तक 'चंद्रयान-2' को पृथ्वी की कक्षा में ऊपर उठाने के पांच प्रक्रिया चरणों को अंजाम दे चुका है. पांचवें प्रक्रिया चरण को 6 अगस्त को अंजाम दिया गया था. इसके बाद इसरो ने कहा था कि अंतरिक्ष यान के सभी मानक सामान्य हैं. 'कक्षीय उत्थापन' (यान को कक्षा में ऊपर उठाने) की प्रक्रिया को यान में उपलब्ध प्रणोदन प्रणाली के जरिए अंजाम दिया जाता है.