Chandrayaan 2: 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा चंद्रयान-2, सात सितंबर को करेगा लैंड
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 12, 2019 04:38 PM2019-08-12T16:38:45+5:302019-08-12T16:41:07+5:30
इससे पहले चार अगस्त को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘चंद्रयान 2’ से ली गई पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सेट जारी किया था। इसरो कहा कि इन तस्वीरों से संकेत मिलता है कि यह मिशन अच्छी स्थिति में है।
इसरो के चेयरमैन के सिवन ने चंद्रयान-2 को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने सोमवार को बताया कि चंद्रयान-2 14 अगस्त को सुबह साढ़े 3 बजे पृथ्वी से निकल जाएगा। 20 अगस्त तक चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर सकता है। इसरो के चेयरमैन ने कहा, हमारी योजना के अनुसार चंद्रयान-2 सात सितंबर को चंद्रमा में उतरेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने सोमवार को कहा कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-2 के 20 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की संभावना है और सात सितंबर को यह चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि अंतरिक्ष यान दो दिनों बाद पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलना शुरू करेगा। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक समझे जाने वाले डॉ. विक्रम साराभाई की जन्मशती समारोह में हिस्सा लेने सिवन शहर आए हुए थे।
इसरो प्रमुख ने कहा कि 3850 किलोग्राम के चंद्रयान-2 में तीन हिस्से हैं जिसमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर है। अभियान के तहत 22 जुलाई को प्रक्षेपण कार्यक्रम के बाद सात सितंबर को यह चंद्रमा की सतह पर पहुंचेगा । उन्होंने कहा, ‘‘22 जुलाई को चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के बाद हमने पांच बार प्रक्रिया को अंजाम दिया। चंद्रयान-2 का समग्र हिस्सा फिलहाल धरती के इर्द गिर्द घूम रहा है।’’
अगली सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया बुधवार सुबह में शुरू होगी। उन्होंने कहा, ‘‘14 अगस्त को तड़के साढ़े तीन बजे हम ट्रांस लूनर इंजेक्शन नामक प्रक्रिया शुरू करेंगे। इस प्रक्रिया में चंद्रयान-2 पृथ्वी की कक्षा से बाहर होकर चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। इसके बाद 20 अगस्त को हम चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेंगे।’’
सिवन ने कहा कि फिलहाल अंतरिक्ष यान बहुत अच्छा कर रहा है और इसकी सभी प्रणाली सही से काम कर रही है । उन्होंने कहा कि इसरो में वैज्ञानिक आगामी दिनों में खासकर दिसंबर में काफी व्यस्त होंगे जब अंतरिक्ष एजेंसी छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का अभियान शुरू करेगी।
चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद रोवर लैंडर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा की सतह पर एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) की अवधि तक, प्रयोग करेगा।
लैंडर का जीवन काल एक चंद्र दिवस है। ऑर्बिटर अपने मिशन पर एक वर्ष की अवधि तक रहेगा।
इससे 11 साल पहले ‘चंद्रयान 1’ ने 29 अगस्त 2009 तक 312 दिन तक चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाकर एक नया इतिहास लिखा था।
ISRO Chairman: On 20 Aug, spacecraft will be reaching moon&we'll be carrying out lunar orbit insertion,by this process,#Chandrayaan2 will be around moon on Aug20, we plan to have series of maneuvers around moon, finally on Sep 7 we'll be landing on moon, this is our plan. https://t.co/XUgMLKLNcL
— ANI (@ANI) August 12, 2019
इससे पहले चार अगस्त को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ‘चंद्रयान 2’ से ली गई पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सेट जारी किया था। इसरो कहा कि इन तस्वीरों से संकेत मिलता है कि यह मिशन अच्छी स्थिति में है।
इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि चंद्रयान 2 पर लगे एल 14 कैमरे ने ये तस्वीरें लीं जिनमें दक्षिण अमेरिका और प्रशांत महासागर के हिस्से नजर आते हैं।