आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
नेशनल कांफ्रेंस ने इस बात से इंकार किया है कि अब्दुल्ला ने कहा कि ‘‘चीन के समर्थन’’से अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाएगा। इसने कहा कि अब्दुल्ला ने कभी भी चीन की विस्तारवादी मंशा या उग्रता को रविवार को दिए गए टीवी साक्षात्कार में उचित नहीं ठहराया। ...
महबूबा (60) को पिछले साल पांच अगस्त को पहले एहतियाती हिरासत में रखा गया था और बाद में छह फरवरी को उन पर कठोर पीएसए कानून लगा दिया गया। उन्हें सात अप्रैल को उनके सरकारी निवास में ले जाया गया जिसे प्रशासन ने पहले उप-जेल घोषित किया था। ...
यह पहली बार नहीं है जब अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने इस कानून के बहाली को लेकर बयान दिया है। इससे पहले संसद सत्र में पाकिस्तान से बात कर कश्मीर समस्या हल करने की बात फारूक अब्दुल्ला बोले थे। ...
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 136 पृष्ठों की अधिसूचना में कहा कि दोनों आदेशों को ‘‘केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का संयोजन) दूसरा और तीसरा आदेश 2020’’ कहा जाएगा। ...
अदालत ने बेटी इल्तिजा और उनके भाई तस्दुक मुफ्ती को महबूबा मुफ्ती से मिलने की अनुमति दी है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की हिरासत पर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से जवाब भी ...
कश्मीर के टूरिज्म सेक्टर को सबसे बड़ा नुकसान पिछले साल 5 अगस्त से ही उठाना पड़ा है। इस सेक्टर से जुड़े लोगों के मुताबिक, अब तो गणना भी मुश्किल हो गई है कि डेढ़ साल के दौरान कितना नुक्सान हुआ है और कितने लोग बेरोजगार हुए हैं। ...