आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
जम्मू कश्मीर में उसका संविधान और झंडा लागू नहीं किया जाता, वे किसी भी दूसरे झंडे को न ही हाथ लगाएंगी और न ही सलाम करेंगी। उनका इशारा भारतीय तिरंगे की ओर था।यह सच है कि महबूबा मुफ्ती की रिहाई के साथ ही घाटी में ठंडी पड़ी सियासी गतिविधियां तेज होने लगी ...
कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों के एक साथ आने के बाद बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऐसे में खबरें हैं कि पार्टी ने एक बार फिर उनका समर्थन करने लगी है जो जम्मू को कश्मीर से अलग एक नए राज्य के तौर पर देखना चाहते हैं ...
पी. चिदंबरम ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 पर लिए गए मनमाने और असंवैधानिक फैसलों को रद्द किया जाना चाहिए। इसी पर भाजपा प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने बयान दिया है। ...
सजाद लोन ने कहा, "यह एक सामूहिक तंत्र है और मुख्य रूप से जो हमारा था वह हमसे छीन लिया गया है। हम संविधान के दायरे में शांतिपूर्वक संघर्ष करेंगे, जैसा कि देश के हर हिस्से में करने का अधिकार है।" ...
महबूबा मुफ्ती को पांच अगस्त 2019 की तड़के प्रदेश प्रशासन ने एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया था। उन्हें करीब 434 दिन बाद उन्हें मंगलवार की रात को ही रिहा किया गया है। इससे पहले बुधवार सुबह महबूबा ने गुपकार मार्ग पर स्थित सरकारी निवास पर पीडीपी के वरि ...
इस बैठक में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी भाग लिया। मुफ्ती को 14 महीने की हिरासत के बाद मंगलवार को छोड़ा गया। ...
अनुच्छेद 370ः चार अगस्त 2019 की शाम को डा फारूक अब्दुल्ला के निवास पर महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर शाह, कांग्रेस नेता जीए मीर व कश्मीर के अन्य छोटे बड़े राजनीतिकि दलों के नेताओं की बैठक ह ...