अनुच्छेद 370: कश्मीरी नेता सजाद लोन ने कहा- हम यहां टिक कर रहेंगे, केंद्र की सरकारें आएंगी और जाएंगी
By रामदीप मिश्रा | Published: October 16, 2020 09:24 PM2020-10-16T21:24:39+5:302020-10-16T21:29:04+5:30
सजाद लोन ने कहा, "यह एक सामूहिक तंत्र है और मुख्य रूप से जो हमारा था वह हमसे छीन लिया गया है। हम संविधान के दायरे में शांतिपूर्वक संघर्ष करेंगे, जैसा कि देश के हर हिस्से में करने का अधिकार है।"
जम्मूः जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियों को एकजुट करने के लिए एक अभूतपूर्व गठबंधन का श्रेय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को दिया जाना चाहिए। राज्य के विशेष दर्जे की बहाली की मांग करने के लिए गठबंधन किया गया है। यह कहना है कश्मीरी नेता सजाद लोन का। वह बीजेपी-पीडीपी सरकार में मंत्री रहे है और अब "पीपुल्स अलायंस" नाम के नए गठबंधन के मुख्य धड़ों में से एक हैं।
पिछले अगस्त में केंद्र सरकार की ओर से अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा के बाद सैकड़ों राजनीतिक नेताओं के साथ हिरासत में लिए गए लोन को इस साल 31 जुलाई को रिहा कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए संयुक्त लड़ाई संविधान के दायरे में होगी और हिंसा और अनिश्चितता को समाप्त करना होगा।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार, लोन ने कहा, "यह एक सामूहिक तंत्र है और मुख्य रूप से जो हमारा था वह हमसे छीन लिया गया है। हम संविधान के दायरे में शांतिपूर्वक संघर्ष करेंगे, जैसा कि देश के हर हिस्से में करने का अधिकार है।"
उन्होंने कहा, "हम यहां राज्य के निवासियों के रूप में रह रहें हैं। हम पर्यटक नहीं हैं। केंद्र की सरकारें आती हैं और जाती हैं। हमें केंद्र सरकार के उन फैसलों का विरोध करना चाहिए जिसका हमारे बच्चों को परिणाम भुगतना पड़े। इन फैसलों के खिलाफ खड़े होना हमारा नैतिक कर्तव्य है।"
आपको बता दें, बीते दिन नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे के संबंध में 'गुपकार घोषणा' पर भविष्य की कार्रवाई का खाका तैयार करने के लिए गुरुवार को अपने आवास पर बैठक बुलाई थी। इस बैठक में विपक्षी पार्टियों ने एक नया गठबंधन किया है, जिसका नाम पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन दिया गया है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा था, 'हमने इस गठबंधन को पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन का नाम दिया है। हमारी मांग हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को वो सारे अधिकार दिए जाएं जो हमसे छीने गए हैं। भारत सरकार राज्य के लोगों के उन अधिकारों को लौटाए जो उन्हें 5 अगस्त 2019 से पहले मिलते थे। हम कुछ दिन बाद फिर मुलाकात करेंगे, जिसमें आगे के जो कदम हमें उठाने हैं, वो आपके सामने लाएंगे।'