आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
श्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन चाहती हैं कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किये जाने के बाद राज्य में पत्रकारों के कामकाज पर लगाये गये प्रतिबंध हटाये जायें। ...
इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू और कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने के बाद लगाये गये प्रतिबंधों को तत्काल हटाने का कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया था। ...
कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में तनावपूर्ण हालात के बीच एलओसी से सटे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कोटली, रावलकोट, बाघ और मुजफ्फराबाद में 10 से ज्यादा आतंकी शिविर सक्रिय हो गए ...
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के भारत के कदम पर शुक्रवार को एक बैठक करेगी। साथ ही जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और इस क्षेत्र में मीडिया के काम करने पर प्र ...
राजनयिकों ने बताया कि शुक्रवार को होने वाली चर्चा को सुरक्षा परिषद की पूर्ण बैठक नहीं माना जा रहा है। इसे बंद कमरे में होने वाली बैठक कहा जा रहा है जो अब बहुत सामान्य होता जा रहा है। ...
इस वर्ष यात्रा में 16 दिनों की कटौती की गयी थी। उन्होंने बताया कि छड़ी मुबारक के संरक्षक दीपेंद्र गिरि और 20 अन्य पुजारी हेलीकाप्टर से गुफा तक पहुंचे और विधिवत पूजा अर्चना की। ...
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार छठी बार दिए गए उनके भाषण की अवधि 95 मिनट थी। सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उन्होंने सबसे लंबा भाषण 2016 में दिया था जब वह करीब 96 मिनट बोले थे। ...