आर्टिकल 370: सुप्रीम कोर्ट में कश्मीर टाइम्स की एडिटर अनुराधा की याचिका पर सुनवाई, सॉलिसिटर जनरल ने CJI के सवालों का दिया जवाब
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 16, 2019 11:10 AM2019-08-16T11:10:45+5:302019-08-16T11:10:45+5:30
श्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन चाहती हैं कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किये जाने के बाद राज्य में पत्रकारों के कामकाज पर लगाये गये प्रतिबंध हटाये जायें।
सुप्रीम कोर्ट में आज (16 अगस्त) की कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन याचिका पर सुनवाई हुई। कश्मीर टाइम्स की एक्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन ने धारा 370 के हटने के बाद घाटी में कामकाजी पत्रकारों पर लगी पाबंदियों को चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा, हम जम्मू कश्मीर में मीडिया पर लगी पाबंदियां हटाने के मुद्दे पर थोड़ा और वक्त देना चाहेंगे। हमने पढ़ा कि लैंडलाइन कनेक्शन बहाल किए जा रहे हैं और हमें आज जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की ओर से फोन भी आया है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम मीडिया पर पाबंदियों के मामले पर अन्य संबंधित मामलों के साथ सुनवाई करेंगे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सुनवाई की अगली तारीख नहीं बताई है। जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद घाटी में कामकाजी पत्रकारों पर पाबंदियों लगा दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई के सवालों को जवाब देते हुये सॉलिसिटर जनरल वकील तुषार मेहता ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं। सुरक्षा विभाग हर दिन वहां घाटी में समान्य हालात बनाने की कोशिश में लगे हैं। हमें वहां की ग्राउंट रियेलिटी के बारे में पता है।
Supreme Court hearing a plea challenging restriction on working journalists in Kashmir Valley in the wake of revocation of Article 370: Solicitor General Tushar Mehta says, "security agencies are taking daily stock of the situation. We know the ground reality."
— ANI (@ANI) August 16, 2019
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं न्यायमूर्ति एस ए नजीर की विशेष पीठ, अधिवक्ता एम एल शर्मा और कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं।
इधर अनुच्छेद 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली अधिवक्ता एम.एल. शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने कहा, "क्या है यह याचिका...? यह विचारणीय भी नहीं है... किस तरह की याचिका है यह...?"
प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई ने एम.एल. शर्मा की याचिका पर कहा, मैंने आपकी याचिका को आधे घंटे पढ़ा लेकिन ये बिल्कुल समझ में नहीं आ रही है। इसपर विचार भी नहीं किया जा सकता है।
CJI Ranjan Gogoi says, "I read your petition for half an hour but could not understand what is this petition about." https://t.co/F6hzWshfWU
— ANI (@ANI) August 16, 2019
कांग्रेस कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। पूनावाला ने अपनी याचिका में कहा है कि वह अनुच्छेद 370 के बारे में कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं लेकिन वह चाहते हैं कि वहां से कर्फ्यू एवं पाबंदियां तथा फोन लाइन, इंटरनेट और समाचार चैनल अवरूद्ध करने सहित दूसरे कथित कठोर उपाय वापस लिये जायें।