जकार्ता, 24 अगस्त। इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबांग में चल रहे 18वें एशियन गेम्स में भारत के पुरुष टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना और दिविज शरण की जोड़ी ने मेंस डबल टेनिस स्पर्धा में कजाकिस्तान के खिलाड़ी एलेक्सांद्र बुबलिक और डेनिस येवसेयेव की जोड़ी को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। रोहन-शरण ने 52 मिनट तक चले मुकाबले में कजाकिस्तान की जोड़ी को सीधे सेटों में 6-3, 6-4 से मात देकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
यह भारत की झोली में छठे दिन गिरा दूसरा स्वर्ण पदक है। भारत के पास अब कुल छह स्वर्ण पदक हो गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को ही भारतीय रोवर्स ने भारत की झोली में गोल्ड मेडल डाला था। भारत को पहला गोल्ड बजरंग पूनिया ने कुश्ती में गोल्ड दिलाया था।
एशियन गेम्स में टेनिस की पुरुष युगल स्पर्धा में भारत को मिला यह पांचवां गोल्ड मेडल है। इससे पहले भारत ने साल 1994, 2002, 2006, 2010 में गोल्ड मेडल जीता था। बोपन्ना ने पहली बार एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है, वहीं शरण ने 2014 में युकी भांबरी के साथ पुरुष युगल स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
रोहन बोपन्ना और दिविज शरण ने कजाकिस्तान के एलेक्सांद्र बुबलिक और डेनिस येवसेयेव की जोड़ी को पहले सेट में 6-3 से आसानी से हरा दिया, लेकिन दूसरे सेट में कजाकिस्तान के खिलाड़ियों ने कड़ी टक्कर दी। बोपन्ना-शरण ने दूसरे सेट में 2-3 से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की और बुबलिक और येवसेयेव को 6-4 से मात देकर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया।
इससे पहले बोपन्ना और शरण ने तीन सेटों तक चले रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में जापान के काइतो युसूगी और एस. शिमाबुकूरो की जोड़ी को हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। जापान की जोड़ी ने मैच की शानदार शुरुआत की और पहले सेट को 6-4 से अपने नाम किया था। इसके बाद बोपन्ना-शरण ने दूसरे सेट में शानदार वापसी करते हुए 6-3 से जीत दर्ज की। तीसरे और निर्णायक टाई ब्रेकर सेट में भी दोनों जोड़ियों के बीच कड़ी टक्कर हुई जहां भारतीय खिलाड़ियों ने 10-8 से बाजी मारी थी।