हैदराबाद: तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ने बीते रविवार को कहा कि अगर पार्टी चुनावी राज्य में सत्ता में आई तो अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज सभी मामले हटा देगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बिना किसी डर के सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कथित कुकर्मों और भ्रष्टाचार को जनता के सामने लगातार लाना चाहिए।
कांग्रेस नेता रेड्डी ने राजधानी हैदराबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा, "अगर हम चुने जाते हैं और तेलंगाना में हमारी सरकार बनती है तो हम केसीआर सरकार द्वारा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दायर सभी झूठे मामले वापस ले लेंगे। इसलिए मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे बिना किसी डर के सत्तारूढ़ बीआरएस के भ्रष्टाचार को जनता के सामने लाएं।"
इसके साथ ही रेवंत रेड्डी ने यह भी कहा, "तेलंगाना में मुख्यमंत्री केसीआर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन औवेसी द्वारा चलाये जा रहे चुनावी अभियान को रोकना इस ओर इशारा कर रहे हैं कि तीनों मिलकर कांग्रेस को हराने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा, बीआरएस और एआईएमआईए जैसी सभी प्रतिद्वंद्वी ताकतें एकजुट हो गई हैं लेकिन कांग्रेस सभी को अकेले हराकर चुनाव बाद तेलंगाना में सरकार बनाएगी।
मालूम हो कि तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और चार अन्य चुनावी राज्यों के साथ वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होनी है। सूबे में भाजपा, बीआरएस और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है।
वहीं अगर साल 2018 के विधानसभा चुनाव के बारे में बात करें तो उस वक्त भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), जिसे पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नाम से जाना जाता था। उसने सूबे की कुल 119 सीटों में से 88 सीटें जीती थीं और कुल वोट शेयर का 47.4 प्रतिशत हासिल था। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।