"केसीआर ने विधानसभा चुनाव से पहले चुपके से खरीदा 22 लैंड क्रूजर", मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने लगाया बड़ा आरोप
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 28, 2023 08:28 AM2023-12-28T08:28:30+5:302023-12-28T08:36:38+5:30
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि बीआरएस प्रमुख और निवर्तमान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने चुनाव से पहले सत्ता में वापसी की उम्मीद में बिना किसी को बताए 22 लैंड क्रूजर वाहन खरीदे थे।
हैदराबाद:तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख और निवर्तमान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने चुनाव से पहले सत्ता में वापसी की उम्मीद में बिना किसी को बताए 22 लैंड क्रूजर वाहन खरीदे थे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 'प्रजा पालन' कार्यक्रम शुरू करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कह कि उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद 10 दिनों तक केसीआर द्वारा 22 लैंड क्रूजर गाड़ियां खरीदने की कोई जानकारी नहीं थी।
सीएम रेड्डी ने कहा, "केसीआर को चुनाव से पहले उम्मीद थी कि वो जीत रहे हैं। इसलिए उन्होंने 22 लैंड क्रूज़र खरीदा और उसे छुपा दिया था। यहां तक कि मुझे भी मुख्यमंत्री बनने के 10 दिनों तक इस बात का पता नहीं चला। मुझे एक अधिकारी ने कहा कि केसीआर द्वारा 22 लैंड क्रूज़र खरीदे गए हैं और उन्हें विजयवाड़ा में कहीं छिपाए गया है।"
उन्होंने कहा, "हमने सीएम पद की शपथ ग्रहण के बाद उन गाड़ियों को पाने के बारे में सोचा क्योंकि केसीआर तो चुनाव हारने के बाद अपने घर चले गये थे। उन्होंने बिना किसी को बताए 22 लैंड क्रूजर खरीदा, जो असल में सरकारी संपत्ति है।''
केटीआर की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कि बीआरएस कांग्रेस सरकार के प्रदर्शन पर नज़र रखने के लिए शैडो टीमें बनाएगी, तेलंगाना के सीएम ने कहा, "शैडो टीम क्यों?" जब विपक्ष विधानसभा में सुझाव दे सकता है तो वह सरकार के फैसलों का विश्लेषण भी कर सकता है।"
रेवंत रेड्डी ने कहा, "आखिर शैडो टीम क्यों, केटीआर आप कल तक मंत्री थे। जीत या हार के बाद भी मंत्री आपके साथ हैं। उन्हें शैडो टीम नहीं बल्कि शैडो मंत्री के तौर पर काम करने दें क्योंकि उन्होंने अब तक कोई काम नहीं किया है। कम से कम इस बहाने से तो वो अब काम करेंगे।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "केटीआर सत्ता खो चुके हैं। इसलिए हम इसे गलत नहीं मानेंगे क्योंकि सत्ता खोने के बाद लोग डर और दर्द के कारण कई तरह से बोलते हैं। आपके पास विधानसभा में सुझाव देने और हमारे निर्णयों का विश्लेषण करने का पूरा अवसर है।"