नहीं मिलेगा मुफ्त इंटरनेट, डीटीएच और फ्री कॉल, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार, कहा "यह किस तरह की याचिका दायर की गई है?"
By भाषा | Published: April 27, 2020 04:29 PM2020-04-27T16:29:46+5:302020-04-27T16:29:46+5:30
याचिकाकर्ता ने अपनी दायर याचिका में कहा था कि कोरोना वायरस के चलते देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच घरों में बैठे-बैठे लोग मनोवैज्ञानिक तनाव महसूस कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान ‘मानसिक वेदना’ से गुजर रहे उपभोक्ताओं को मुफ्त कॉल और डाटा उपयोग की सुविधा प्रदान करने के लिये दायर याचिका पर विचार करने से सोमवार को इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुये सवाल किया,‘‘यह किस तरह की याचिका दायर की गई है?’’ याचिकाकर्ता मनोहर प्रताप ने पीठ से कहा कि वह इसे वापस ले लेंगे।
याचिका में केन्द्र और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को डीटीएच सेवा प्रदाताओं के साथ लाइसेंस की संबंधित शर्तो को लागू करने और उन्हें तीन मई तक अपने चैनलों और दूसरी सामग्री मुफ्त उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
इसके अलावा, याचिका में लॉकडाउन की वजह से मानसिक दबाव झेल रहे व्यक्तियों की परेशानियों के समाधान के लिए उचित कदम उठाने का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था।