इंसानों के साथ ही तकनीकी उपकरणों के लिये भी खतरनाक साबित हो रहा धुंध, सैटेलाइट हुई फेल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 4, 2019 01:15 PM2019-11-04T13:15:32+5:302019-11-04T13:15:32+5:30
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ट की तरफ से उपलब्ध कराए जा रहे आंकड़ों को आधार बनाकर जिला प्रशासन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पराली जलाने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दिया है।
दिल्ली में फैले वायु प्रदूषण की चर्चा चारों तरफ है। अन्य राज्यों में रह रहे लोग दिल्ली में रहने वाले अपने परिजनों का हाल-चाल ले रहे हैं। श्वांस संबंधित परेशानियों से जूझ रहे लोगों के लिये ये प्रदूषण और भी भयानक है। डॉक्टरों का कहना है कि जिन मरीजों को सिर्फ दवा देकर इलाज किया जा सकता था उनको भर्ती करने की हालत हो गई है। ये प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के साथ ही तकनीकी उपकरणों के लिये भी खतरनाक साबित हो रहा है।
सर्दियों की शुरुआत के साथ पंजाब में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) काफी खराब स्तर पर पहुंच गया। इसके चलते पटियाला नगर निगम ने एक आपात बैठक बुलाई जिसमें खुले इलाकों में कचरा जलाने के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया गया। दिल्ली के प्रदूषण के लिये भी पंजाब और हरियाणा में जलाई जाने वाली पराली को ही जिम्मेदार बताया जाता है।
लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर बीते शुक्रवार और शनिवार को धुंध की वजह से खेतों में जलाई जाने वाली पराली का पता नहीं लगा सका। इसके पीछे का कारण धुंध को बताया जा रहा है। हालांकि रविवार को उसने खेतों में आग लगाने के 2,856 मामलों की पुष्टि की।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ट की तरफ से उपलब्ध कराए जा रहे आंकड़ों को आधार बनाकर जिला प्रशासन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के पराली जलाने पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दिया है।