UPI: ऑनलाइनपेमेंट करना देशभर में अब बहुत आम हो गया है और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का लोग सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे में इसे और लोकप्रिय और आसान बनने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने यूपीआई प्लेटफॉर्म में वॉइस पेमेंट को जोड़ा है।
वाइस मोड सर्विस के जरिए अब पेमेंट करना और आसान हो जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल के दौरान इन विकासों का खुलासा किया।
हेलो यूपीआई के जरिए वॉइस से कर सकते हैं पेमेंट
यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को ऐप, फोन कॉल और आईओटी उपकरणों के माध्यम से हिंदी और अंग्रेजी में वॉयस-सक्षम यूपीआई भुगतान करने में सक्षम बनाती है, साथ ही आने वाली अधिक क्षेत्रीय भाषाओं में भी।
यह बिल बांटने या दोस्तों को भुगतान करने जैसे कार्यों को सरल बनाता है। जिससे वित्तीय समावेशन और इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है। आरबीआई ने यूपीआई पर क्रेडिट लाइन लॉन्च की है। यह बैंकों से प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लाइनों को सक्षम बनाता है और ग्राहकों की क्रेडिट तक पहुंच में बड़ा बदलाव करेगा।
ऑफलाइन भुगतान के लिए UPI LITE X
उपयोगकर्ता ऑफलाइन पैसे भेज और प्राप्त कर सकते हैं। जिससे पहुंच बढ़ जाती है। खासकर खराब कनेक्टिविटी वाले इलाकों में UPI LITE से भुगतान तेजी से होता है और ट्रांसजेक्शन में समय कम लगता है। UPI LITE दूसरी पेमेंट प्रक्रिया के मुकाबले ज्यादा फास्ट है।
टैप करें और भुगतान करें
यह विधि, पारंपरिक स्कैन-एंड-पे के साथ, ग्राहकों को त्वरित भुगतान के लिए व्यापारी स्थानों पर एनएफसी-सक्षम क्यूआर कोड को टैप करने की सुविधा देती है।
बिलपे कनेक्ट और वॉइस बिल पेमेंट
भारत बिलपे बिल भुगतान के लिए एक राष्ट्रीयकृत नंबर पेश करता है। ग्राहक स्मार्टफोन या तत्काल डेटा एक्सेस के बिना भी एक साधारण संदेश के माध्यम से या मिस्ड कॉल देकर आसानी से अपने बिल प्राप्त और भुगतान कर सकते हैं। स्मार्ट घरेलू उपकरणों के माध्यम से वॉयस-असिस्टेड बिल भुगतान भी उपलब्ध है।
इन उत्पादों का लक्ष्य एक समावेशी और लचीला डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जो प्रति माह 100 बिलियन यूपीआई लेनदेन के लक्ष्य में योगदान देता है।
एनपीसीआई की पहल भारत में डिजिटल बैंकिंग को आगे बढ़ाते हुए ऋण तक पहुंच को सुव्यवस्थित करेगी ऑफलाइन लेनदेन का समर्थन करेगी और बिल भुगतान को सरल बनाएगी।