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आईफोन यूजर्स की जासूसी की फिराक में था फेसबुक, हासिल करना चाहता था एपल डिवाइस से जुड़ी ये बड़ी जानकारी, पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी ने कर दिया खुलासा

By रजनीश | Updated: April 6, 2020 14:25 IST

पेगासस स्पाइवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो यूजर्स के मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय और व्यक्तिगत जानकारियाँ चोरी करता है। जासूसी के लिये पेगासस ऑपरेटर एक लिंक यूजर्स के पास भेजता है, जिस पर क्लिक करते ही यह सॉफ्टवेयर बिना किसी तरह की परमिशन मांगे ही डिवाइस में इंस्टाल हो जाता है।

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ठळक मुद्देआपको बता दें कि पेगासस इजरायली कंपनी NSO का वही सॉफ्टवेयर है जिसके जरिए दुनियाभर के कई प्रभावशाली लोगों का व्हाट्सएप हैक किए जाने की खबरें आई थी। भारत में भी इसी सॉफ्टवेयर के जरिए कम से कम दो दर्जन वकीलों, पत्रकारों, शक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी का आरोप लगा।

दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक पर लंबे समय से कई बार यूजर्स का डाटा चोरी करने का आरोप लगता आया है। अब एक बार फिर फेसबुक पर यूजर्स की जासूसी करने का आरोप लगा है। हाल ही में इस्राइल के एनएसओ ग्रुप ने खुलासा किया है कि फेसबुक एपल के आईफोन और आईपैड यूजर्स की जानकारी ट्रैक करने के लिए स्पाई सॉफ्टवेयर खरीदना चाहता था। 

मदरबोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक के रिप्रेजेंटेटिव एनएसओ (NSO) ग्रुप से यूजर्स का डाटा ट्रैक करने के लिए सॉफ्टवेयर खरीदना चाहते थे। ये जानकारी कोर्ट के दस्तावेज के जरिए सामने आई जिसे लेकर फेसबुक ने एनएसओ ग्रुप को चुनौती दी है। 

इन दस्तावेजों में ये भी कहा गया है कि 2017 में फेसबुक के दो अधिकारियों ने इस्राइल के एनएसओ ग्रुप के साथ ट्रैकिंग के मुद्दे को लेकर बातचीत की थी। कोर्ट में जमा दस्तावेजों के मुताबिक, एनएसओ ग्रुप के सीईओ शालेव हुलियो ने कहा है कि 2017 में फेसबुक के दो अधिकारी हमारे पास आए थे और उन्होंने पेगासस सॉफ्टवेयर खरदीने का विचार व्यक्त किया था। 

आपको बता दें कि पेगासस इजरायली कंपनी NSO का वही सॉफ्टवेयर है जिसके जरिए दुनियाभर के कई प्रभावशाली लोगों का व्हाट्सएप हैक किए जाने की खबरें आई थी। भारत में भी इसी सॉफ्टवेयर के जरिए कम से कम दो दर्जन वकीलों, पत्रकारों, शक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी का आरोप लगा। उस दौरान फेसबुक ने भी एनएसओ को हैकिंग के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

इसलिए फेसबुक खरीदना चाहता था पेगासस सॉफ्टवेयरकोर्ट में जमा दस्तावेजों के अनुसार, फेसबुक पेगासस सॉफ्टवेयर इसलिए खरीदना चाहता था, जिससे वह आसानी से उन आईफोन यूजर्स की जासूसी कर सके जिनमें पहले से Onavo एप इंस्टॉल था। आपको बता दें कि Onavo एप स्पाईवेयर के साथ वीपीएन एप है, जिसे 2018 में एप स्टोर से हटा दिया गया था।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक आईफोन और आईपैड यूजर्स की निजी जानकारी ट्रैक के बदले एनएसओ ग्रुप को इसके लिए हर महीने के हिसाब से पेमेंट देने की पेशकश की थी। फेसबुक ने अपनी सफाई में कहा है कि एनएसओ ग्रुप कोर्ट का ध्यान मौजूदा व्हाट्सएप हैकिंग मामले से भटकाना चाहता है।

हालांकि इजरायली साइबर सुरक्षा कंपनी NSO करती रही है कि वह अपना स्पाई सॉफ्टवेयर पेगासस सिर्फ सरकारों को बेचता है। उसका कहना है कि ‘हम अपने उत्पाद को केवल लाइसेंस प्राप्त और वैध सरकारी एजेंसियों को देते हैं।’

पेगासस कैसे करता है कामपेगासस स्पाइवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो यूजर्स के मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय और व्यक्तिगत जानकारियाँ चोरी करता है। जासूसी के लिये पेगासस ऑपरेटर एक लिंक यूजर्स के पास भेजता है, जिस पर क्लिक करते ही यह सॉफ्टवेयर बिना किसी तरह की परमिशन मांगे ही डिवाइस में इंस्टाल हो जाता है। इस सॉफ्टवेयर का साइज इतना कम है कि यूजर्स को पता भी नहीं चल पाता। 

इस स्पाइवेयर के नए अपडेटेड वर्जन में तो अब लिंक भेजने की भी जरूरत नहीं होती। अब इसे सिर्फ एक मिस्ड वीडियो कॉल के जरिए ही इंस्टाल कर दिया जाता है। सॉफ्टवेयर इंस्टाल होने के बाद फोन से जुड़ी सारी जानकारियां चुरा ली जाती हैं। 

पेगासस की खासियत यह है कि आप अपने डिवाइस को पासवर्ड से कितना भी लॉक कर लें यह उसको भी आसानी से निशाना बना लेता है। इसके बाद आपके पूरे मोबाइल पर इस सॉफ्टवेयर का कंट्रोल हो जाता है। यह जो जानकारी चाहे आपके मोबाइल से अपने सर्वर तक पहुंचा सकता है।

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