देश में टेलीकॉम कंपनियां ग्राहकों को सस्ती कीमत पर इंटरनेट डेटा मुहैया करा रही है। देश में औसत मोबाइल स्पीड पिछले साल के 9.01 एमबीपीएस के मुकाबले बढ़कर 10.71 एमबीपीएस हो गई है। लेकिन दुनियाभर में भारत की रैकिंग देखी जाए तो वही 109 से गिरकर 121वें पायदान पर पहुंच गई।
इस बात की जानकारी डेटा स्पीड चेक करने वाली यूएस की कंपनी OOkla ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भारत में इंटरनेट स्पीड के गिरते रैंक को बताया गया है। ऊकला ने अप्रैल 2019 की स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स रिपोर्ट जारी कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल वाले स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्स में भी भारत एक रैंक नीचे 67 से 68 पर आ गया। वहीं, मोबाइल डेटा स्पीड में उसकी रैंकिंग घटकर 121वीं हो गई है।
भारत में ब्रॉडबैंड की औसतन डाउनलोड स्पीड 29.25 Mbps है। वहीं, मोबाइल में इंटरनेट स्पीड का औसत घटतक 10.71 Mbps पर आ गया है। 2018 की शुरुआत में भारत ब्रॉडबैंड स्पीड में 67वीं और मोबाइल इंटरनेट स्पीड में 109वीं रैंक पर था।
इंटरनेट स्पीड में नॉर्वे सबसे ऊपर
Ookla की रिपोर्ट में मोबाइल इंटरनेट स्पीड मामले में नॉर्वे सबसे टॉप पर है। यहां मोबाइल इंटरनेट की औसतन डाउनलोड स्पीड 65.41 Mbps है। वहीं, ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में सिंगापुर पहले स्थान पर है। यहां पर ब्रॉडबैंड की औसतन डाउनलोड स्पीड 197.50 Mbps है।
ऊकला के सह-संस्थापक और जनरल मैनेजर डौग सुटल ने कहा, "नेटवर्क बेहद जटिल इकाई है इसके प्रदर्शन से हर चीज प्रभावित होती है। इसमें फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर भौगोलिक रीजन्स तक शामिल हैं। भारत का बड़ा भौगोलिक आकार और जनसंख्या दोनों ही इंटरनेट स्पीड के लिए चुनौती है। इस समय देश में बड़ी संख्या में लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में नेटवर्क कंजप्शन और इंटरनेट स्पीड के स्लो होने का ये बड़ा कारण भी है।"
क्या है ऊकला
बता दें कि ऊकला दुनियाभर में हर महीने स्पीडटेस्ट ग्लोबल इंडेक्ट पर इंटरनेट स्पीड का कम्पेयर करती है। इंडेक्ट को मिलने वाला डेटा उन लाखों यूजर्स से मिलता है, जो हर महीने इंटरनेट की स्पीड का टेस्ट करते हैं। बता दें कि इस ऊकला के पास भारत में 40 मिलियन यानी 4 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। जो हर दिन 8 लाख से ज्यादा स्पीड टेस्ट करते हैं।