IIT Guwahati: पानी से तेल को अलग करने वाला तंतु विकसित, आईआईटी गुवाहाटी के अनुसंधानकर्ताओं ने किया कमाल, जानें फायदे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 27, 2023 15:28 IST2023-09-27T15:27:33+5:302023-09-27T15:28:25+5:30
IIT Guwahati: आईआईटी गुवाहाटी के रासायनिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर वैभव गौड़ ने बताया कि चावल की भूसी का इस्तेमाल कर सिलिका नैनो पार्टिकल्स आवरण वाला कपास तंतु विकसित किया गया है।

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IIT Guwahati: आईआईटी गुवाहाटी के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने एक ऐसा तंतु विकसित किया है, जो पानी से तेल को अलग कर सकता है। इससे तेल रिसाव के कारण होने वाले समुद्री प्रदूषण से निपटने में मदद मिलेगी।
आईआईटी गुवाहाटी के रासायनिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर वैभव गौड़ ने बताया कि चावल की भूसी का इस्तेमाल कर सिलिका नैनो पार्टिकल्स आवरण वाला कपास तंतु विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद समुद्री तेल प्रदूषण के उपशमन के लिए कृषि अपशिष्ट को उपयोगी मूल्यवर्धित उत्पाद में बदलना था।
सुतापा दास के साथ यह शोधपत्र लिखने वाले गौड़ ने कहा कि औद्योगिक अपशिष्ट या हादसे के कारण होने वाले तेल रिसाव से जलीय पारितंत्र को अपूरणीय क्षति होती है तथा स्कीमिंग या वहां पर आग लगाने की प्रविधियां निष्प्रभावी, महंगी साबित होती हैं तथा उनसे और प्रदूषण फैलता है।
गौड़ ने कहा, ‘‘ हमारी प्रौद्योगिकी के पर्यावरण के लिए कई फायदे हैं। धान की भूसी कृषि सह उत्पाद है और उसमें सिलिका होता है। उसमें आमतौर पर गैरवैज्ञानिक ढंग से चलाया जाता है, फलस्वरूप वायु प्रदषण होता है। लेकिन हमारी तकनीक से इस भूंसी को थ्रेड सॉबरेंट में बदला जा सकता है, जो तेल संदूषण को कम कर सकता है।’’