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Facebook पर आ रहा है यह नया फीचर, अब आपके चेहरे से वेरिफाइ होगा अकाउंट

By जोयिता भट्टाचार्या | Updated: November 8, 2019 15:06 IST

अभी तक फेसबुक इस समस्या को ऐल्गोरिद्मिक फिल्टरिंग और मैन्युल तरीके से सुलझा रहा था। लेकिन इसके बावजूद भी फेक प्रोफाइल की समस्या से निजात नहीं मिल रही। देखा जाए तो फेसबुक पर सबसे ज्यादा फेक प्रोफाइल सेलिब्रिटिज की होती हैं।

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ठळक मुद्देफेसबुक का यह फीचर यूजर की पहचान करने के लिए चेहरे को अच्छे से स्कैन करेगाफीचर के जारी होने के बाद फेसबुक यूजर्स को एक सेल्फी रिकॉर्ड करने को कहेगा जिसमें उन्हें हर तरफ देखना होगा

फेसबुक अपने प्लैटफॉर्म पर एक नया फीचर लाने वाला है। इस नए फीचर से अब Facebook अब यूजर्स की पहचान चेहरे से करेगा। ऐप रिवर्स इंजिनियर जेन मॉनचन वॉन्ग की एक रिपोर्ट की मानें तो यूजर्स की प्राइवेसी और सिक्योरिटी को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के लिए फेसबुक फेशियल रिकग्निशन सिस्टम को डेवलप करने की तैयारी कर रहा है।

इस तकनीक के जरिए Facebook यूजर के अकाउंट को जांचा जाएगा कि वह यूजर असली है या नकली।

फेक अकाउंट के लिए उठाया कदम

Facebook काफी समय से फेक प्रोफाइल्स को अपने प्लैटफॉर्म से हटाने के लिए कई मुहिम चला रहा है। ये भी उसी में से एक है। ऐसा कई बार देखा गया है जहां किसी दूसरे के नाम और फोटो से कोई और यूजर उस अकाउंट को चला रहा है।

अभी तक फेसबुक इस समस्या को ऐल्गोरिद्मिक फिल्टरिंग और मैन्युल तरीके से सुलझा रहा था। लेकिन इसके बावजूद भी फेक प्रोफाइल की समस्या से निजात नहीं मिल रही। देखा जाए तो फेसबुक पर सबसे ज्यादा फेक प्रोफाइल सेलिब्रिटिज की होती हैं।

मोबाइल ऐप के लिए तैयार किया जा रहा फीचर

फेक अकाउंट जैसी समस्या से लड़ने और उन्हें खत्म करने के लिए फेसबुक अपने मोबाइल ऐप के लिए फेशियल रिक्गनिशन सिस्टम डेवलप कर रहा है। यह सिस्टम यूजर के चेहरे को स्कैन करके पता लगा लेगा कि अकाउंट आपका है या किसी और का। फेसबुक फीचर पर रिसर्च करने वाली वॉन्ग को इस फीचर की जानकारी फेसबुक ऐप के एक कोड को समझने के बाद हुई।

सेल्फी वीडियो होगी रिकॉर्ड

फेसबुक का यह फीचर यूजर की पहचान करने के लिए चेहरे को अच्छे से स्कैन करेगा। बताया जा रहा है कि फीचर के जारी होने के बाद फेसबुक यूजर्स को एक सेल्फी रिकॉर्ड करने को कहेगा जिसमें उन्हें हर तरफ देखना होगा।

इसकी मदद से फेसबुक यूजर के चेहरे को हर तरफ से स्कैन कर वेरिफाइ करेगा और यह पता लगाएगा कि अकाउंट सही यूजर है या किसी दूसरे का। वॉन्ग के मुताबिक, यह प्रोसेस काफी हद तक ऐपल के फेस आई़डी की तरह है। हालांकि इसमें यूजर्स की सिक्योरिटी की पूरी गारंटी नहीं दी जा सकती क्योंकि स्कैन किया हुआ सारा डेटा फेसबुक के सर्वर पर जाएगा।

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