दूरसंचार विभाग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने केवाईसी की नई व्यवस्था द्वारा 50 करोड़ मोबाइल करनेक्शन प्राभावित की खबरों का खंडन किया है। यूआईडीएआई और दूरसंचार विभाग ने खंडन करते हुए कहा कि मीडिया में कुछ रिपोर्टें के मुताबिक 50 करोड़ मोबाइल फोन जो कुल मोबाइल का लगभग आधा हिस्से को डिस्कनेक्शन का खतरे से संबंधित खबरें पूरी तरह से असत्य और काल्पनिक हैं।
बता दें कि इससे खबरें थी कि आधार वेरिफिकेशन के जरिए लिए गए इन सिम कार्ड को अगर किसी दूसरे आइडेंटिफिकेशन प्रक्रिया का बैकअप नहीं मिला, तो ये डिसकनेक्ट हो जाएंगे। यानी मोबाइल यूजर्स ने टेलीकॉम कंपनियों को आधार के साथ अगर दूसरा कोई डॉक्यूमेंट नहीं दिया है, तो उनका नंबर बंद हो सकता है। एएनआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक दूरसंचार विभाग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि यह पूरी तरह से अफवाह और झूठी खबर है।
बता दें कि कोर्ट ने किसी प्राइवेट कंपनी को किसी व्यक्ति के यूनिक आईडी का इस्तेमाल ऑथेंटिकेशन के लिए करने पर रोक लगाई है। इस फैसले का असर बड़ी संख्या में लोगों पर पड़ेगा, जिसके देखते हुए सरकार इस पर हाई लेवल की चर्चा कर रही है।
टेलीकॉम आयोग की बैठक के बाद दूरसंचार सचिव सुंदराराजन ने आधार का प्रयोग बंद होने पर दोबारा से सत्यापन कराने के मसले पर कहा, अगर ऐसा हुआ तो भी ग्राहकों के लिए सेवाएं प्रभावित नहीं होगी। दूरसंचार कंपनियों ने यूआईडीएआई को इस संबंध में अपनी योजना सौंप दी है।