Chandrayaan-3 Launch: चंद्रमा पर भारत का तीसरा मिशन चंद्रयान-3 शुक्रवार को दोपहर 2:35 बजे उड़ान भरेगा। चंद्रमा की सतह पर उतरना और रोवर के साथ इसका पता लगाना। एक सफल सॉफ्ट लैंडिंग भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।
शुक्रवार को 179 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षा में लॉन्च होने के बाद, अंतरिक्ष यान पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण और चंद्रमा की ओर जाने वाली गुलेल से बचने के लिए धीरे-धीरे अपनी कक्षा को बढ़ाएगा। चंद्रमा के करीब पहुंचने के बाद अंतरिक्ष यान को उसके गुरुत्वाकर्षण की पकड़ में लाना होगा। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 42 दिन लगने की संभावना है, चंद्रमा पर लैंडिंग 23 अगस्त को होनी है।
इसरो के चंद्रयान मिशन का घटनाक्रम
15 अगस्त 2003 : तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रयान कार्यक्रम की घोषणा की।
22 अक्टूबर 2008 : चंद्रयान-1 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी।
आठ नवंबर 2008 : चंद्रयान-1 ने प्रक्षेपवक्र पर स्थापित होने के लिए चंद्र स्थानांतरण परिपथ (लुनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री) में प्रवेश किया।
14 नवंबर 2008 : चंद्रयान-1 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया लेकिन उसने चांद की सतह पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की।
28 अगस्त 2009 : इसरो के अनुसार चंद्रयान-1 कार्यक्रम की समाप्ति हुई।
22 जुलाई 2019 : श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया गया।
20 अगस्त 2019 : चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया।
दो सितंबर 2019 : चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में चांद का चक्कर लगाते वक्त लैंडर ‘विक्रम’ अलग हो गया था लेकिन चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया।
14 जुलाई 2023 : चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्चपैड से उड़ान भरेगा।
23/24 अगस्त 2023 : इसरो के वैज्ञानिकों ने 23-24 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनायी है जिससे भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा।