लाइव न्यूज़ :

Vat Savitri Vrat 2019: सुहागिनें पूजा की थाली में अवश्य शामिल करें ये चीजें, देवी सावित्री होगी खुश, पूरी होगी इच्छा

By गुलनीत कौर | Updated: June 3, 2019 09:13 IST

शास्त्रीय मान्यतानुसार वट सावित्री का व्रत करने से सुहागिन महिला को देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पूर्ण विधि विधान से यह व्रत पूरा करने से पति की आयु लंबी होती है।

Open in App

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को भगवान शनि देव का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जिसे शास्त्रों में शनि जयंती के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर भक्त शनि देव को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ, व्रत एवं उपाय किए जाते हैं। मगर शनि देव के व्रत के अलावा इसीदिन सुहागिनें भी एक खास व्रत रखती हैं जिसे शास्त्रों में 'वट सावित्री व्रत' के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष वट सावित्री व्रत और शनि जयंती दोनों ही 3 जून, दिन सोमवार को है।

वट सावित्री व्रत क्या है? (What is Vat Savitri Vrat)

वट सावित्री व्रत एक हिन्दू पर्व है जो केवल सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह व्रत सिहागिनें अपने पति की दीर्घायु के लिए करती हैं। इस व्रत में कुछ सुहागिनें फलाहार का सेवना करती हैं तो कुछ निर्जल उपवास भी करती हैं। व्रत सुबह से शाम तक चलता है। शाम के समय वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करने पर ही व्रत को पूर्ण माना जाता है। 

वट सावित्री व्रत तिथि, महत्व (Vat Savitri Vrat 2019 Date, time, significance)

इस वर्ष वट सावित्री व्रत 3 जून 2019 दिन सोमवार को है। 2 जून दिन रविवार की शाम 4 बजकर 39 मिनट पर ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि प्रारंभ हो जाएगी जो कि अगले दिन 3 जून की दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक चलेगी। सुबह सूर्योदय के बाद सुहागिनें व्रत का संकल्प लेंगी और शाम होने तक नियमों का पालन करते हुए व्रत पूरा किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: 4 से 6 जून के बीच बनेगा 'अशुभ' ग्रहीय संयोग, इन 5 राशियों की तकदीर को लगेगा झटका, देखें पूरी लिस्ट

ऐसे सजाएं वट सावित्री व्रत की पूजा की थाली (Things to keep in Vat Savitri Vrat puja thali)

व्रत की थाली सजाने के लिए स्टील का कांसे की थाली लें। कुछ लोग टोकरे में भी पूजा का सामान सजाते हैं। लेकिन थाली में आप घी, तेल, दीया जैसी चीजें आराम से रख सकती हैं। अब इस थाली में नीचे बताए जा रही सभी चीजें एक एक करके सजाएं:- आम- लीची या कोई भी मौसमी फल- मिठाई- घर में बना पकवान- 5 तरह के अनाज- बतासा- मौली- रोली- कुमकुम- इत्र- सुपारी- पान- कच्चा सूत (धागा)- नारियल- थाली ढकने के लिए लाल कपड़ा- सिन्दूर- सिन्दूर- दुर्वा घास- एक हाथ का पंखा- अक्षत (चावल)- श्रृंगार का सामान

वट सावित्री व्रत विधि, पूजा विधि (Vat Savitri Vrat vidhi, puja vidhi)

वट सावित्री व्रत की पूजा शाम के समय की जाती है। शाम को सभी सुहागिन महिलाएं वट यानी बरगद के वृक्ष के नीचे बैठ जाती हैं। यहां वे सबसे पहले सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं। इस कथा के अनुसार सावित्री ने तपस्या एवं व्रत करके अपने मृत पति सत्यवान को दोबारा से जीवित कर लिया था। सावित्री की भक्ति से ही उसका सुहाग बच पाया था, यही कारण है कि इस व्रत को पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है।

कथा सुनने के बाद पूजा की थाली सजाई जाती है। वृक्ष के नीचे बैठकर महिलाएं पहले देवी सावित्री की एक मूर्ति बनाती हैं। मूर्ति की पूजा की जाती है। घी का दीपक जलारा आरती की जाती है। इसके बाद महिलाएं वट वृक्ष को कुमकुम लगाती हैं। उसकी जड़ों में जल अर्पित करती हैं। हाथ में रोली पकड़कर वृक्ष के 7 फेरे लगाती हुई उसके तने पर रोली के धागे को लपेटती हैं। इस तरह पूजा पूरी होती है।

वट सावित्री व्रत के लाभ (Benefits of Vat Savitri Vrat)

- शास्त्रीय मान्यतानुसार वट सावित्री का व्रत करने से सुहागिन महिला को देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है- पूर्ण विधि विधान से यह व्रत पूरा करने से पति की आयु लंबी होती है- मान्यता है कि यह व्रत पति-पत्नी में प्रेम भी बढ़ाता है, वैवाहिक जीवन में सुखों को लाने वाला होता है

टॅग्स :हिंदू त्योहारपूजा पाठ
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठMargashirsha Purnima 2025 Date: कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा? जानिए तिथि, दान- स्नान का शुभ मुहूर्त, चंद्रोदय का समय और महत्व

पूजा पाठDecember Vrat Tyohar 2025 List: गीता जयंती, खरमास, गुरु गोबिंद सिंह जयंती, दिसंबर में पड़ेंगे ये व्रत-त्योहार, देखें पूरी लिस्ट

पूजा पाठVivah Panchami 2025: विवाह पंचमी 25 नवंबर को, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाने के लिए इस दिन करें ये 4 महाउपाय

भारतदरगाह, मंदिर और गुरुद्वारे में मत्था टेका?, बिहार मतगणना से पहले धार्मिक स्थल पहुंचे नीतीश कुमार, एग्जिट पोल रुझान पर क्या बोले मुख्यमंत्री

पूजा पाठKartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठगोवा अग्निकांड: कौन हैं सौरभ लूथरा? अरपोरा के बर्च नाइट क्लब के संस्थापक आग में 25 लोगों की मौत के बाद अब पुलिस जांच के दायरे में

पूजा पाठPanchang 07 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 07 December 2025: आज इन 3 राशियों के लिए दिन रहेगा चुनौतीपूर्ण, वित्तीय नुकसान की संभावना

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल