लाइव न्यूज़ :

Sheetla Ashtami 2020: शीतला अष्टमी कब है? क्यों इस दिन चढ़ाए जाते हैं बासी प्रसाद और क्या है पूजा विधि, जानिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 4, 2020 12:57 IST

Sheetla Ashtami 2020: शीतला अष्टमी का पर्व होली के आठवें दिन मनाने की परंपरा है। शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता की पूजा के समय उन्हें खास मीठे चावलों का भोग चढ़ाया जाता है।

Open in App
ठळक मुद्देशीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की होती है पूजा, होली के आठवें दिन पूजन की परंपराशीतला माता को त्वचा रोग और चेचक जैसी बीमारियों से बचाव की देवी कहा गया है

Sheetla Ashtami 2020:शीतला अष्टमी का त्योहार आमतौर पर होली के आठवें दिन मनाया जाता है। इस बार ये 16 मार्च को है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाये जाने वाले शीतला अष्टमी को ही कई जगहों पर बसौड़ा या बसोरा भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाना चाहिए। 

Sheetla Ashtami: शीतला अष्टमी और शुभ मुहूर्त

शीतला अष्टमी इस बार 16 मार्च (सोमवार) को है। अष्टमी तिथि की शुरुआत 16 मार्च को तड़के 03.19 बजे से हो रही है। इसका समापन 17 मार्च को सुबह 02.59 बजे होगा। शीतला माता का आशीर्वाद पाने के लिए सप्तमी और अष्टमी दोनों दिन व्रत किया जाता है। 

इस दिन कई घरों में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। साथ ही इस दिन एक दिन पहले का बना हुआ बासी भोजन शीतला माता को भोग के तौर पर चढ़ाया जाता है। शीतला माता को चेचक जैसे रोग की देवी माना गया है। वे अपने हाथों में कलश, सूप, मार्जन (झाड़ू) और नीम के पत्ते धारण किए होती हैं। गर्दभ की सवारी किए वे अभय मुद्रा में विराजमान हैं।

Sheetla Ashtami 2020: शीतला माता पर क्यों चढ़ाते हैं बासी प्रसाद

शीतला अष्टमी के दिन शीतला माता की पूजा के समय उन्हें खास मीठे चावलों का भोग चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शीतला माता को ठंडी चीजें बहुत प्रिय हैं। उनके लिए चावल गुड़ या गन्ने के रस से बनाए जाते हैं। इन्हें सप्तमी की रात को बनाया जाता है। 

इसी कारण इस व्रत को बसौड़ा भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि ये व्रत करने से परिवार के सदस्यों को त्वचा रोग संबंधी बीमारियां नहीं होती हैं। ये दिन ऋतु परिवर्तिन का भी संकेत देता है। ऐसा कहते हैं कि इस अष्टमी के बाद बासी खाना नहीं खाया जाना चाहिए।

Sheetla Ashtami 2020: शीतला अष्टमी की पूजा विधि

इस व्रत के दिन साधक को सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान आदि के बाद पूजा की थाली तैयार करें। थाली में दही, पुआ, रोटी, बाजरा, सप्तमी के दिन बने मीठे चावल, मठरी आदि को रखें। एक दूसरी थाली भी लें। उसमें आटे से बना दीपक, रोली, वस्त्र, अक्षत, हल्दी, मोली, सिक्के और मेहंदी रखें। दोनों थाली के साथ ठंडे पानी का लोटा भी रखें।

अब शीतला माता की पूजा करें और दीपक को बिना जलाए मंदिर में रखें। माता को सभी चीजें एक-एक कर चढ़ाएं और विधिवत पूजा करें। घर में पूजा के बाद मंदिर में पूजा करें। अंत में जल चढ़ाए और बचे हुए जल को घर के सभी सदस्यों के आंखों पर लगाए। कुछ जल घर के हिस्सों में भी छिड़के। बचे हुए पानी को घर आकर पूजा के स्थान पर रखें। अगर पूजा सामग्री बच जाए तो गाय या ब्राह्मण को दें। 

टॅग्स :शीतला अष्टमीहोली
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSambhal Violence Holi and Jumma: अगर मेरा बयान वाकई अनुचित था, तो मुझे सज़ा क्यों नहीं दी?, सीओ चौधरी ने कहा-हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती क्यों नहीं?, देखें वीडियो

भारतSambhal Violence: मुस्लिम भाई ईद में सेवइयां खिलाना चाहते हैं तो होली की गुजिया भी खाएं?, शांति समिति के सामने बोले सीओ अनुज चौधरी, देखें वीडियो

भारतMohammed Shami Daughter holi: मोहम्मद शमी के ‘एनर्जी ड्रिंक’ पीने के बाद बेटी ने खेली होली?, बरेली मौलाना ने जताई आपत्ति, कहा- होली हराम है, शरीयत को जानते खेलता है, तो गुनाह

भारतBihar: CM नीतीश के बेटे निशांत कुमार ने होली के दौरान JDU नेताओं से की मुलाकात, सियासत में आने की चर्चाओं ने पकड़ा जोर

भारतINDORE Holi 2025: होली ड्यूटी पर तैनात 54 वर्षीय पुलिस निरीक्षक संजय पाठक की दिल का दौरा पड़ने से मौत

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय