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3 जून को शनि जयंती, जानें 5 शक्तिशाली मंत्र और उनके जाप का सही तरीका, मिलेगा शनि साढ़ेसाती, ढैय्या के प्रकोप से छुटकारा

By गुलनीत कौर | Updated: May 29, 2019 11:23 IST

3 जून को मनाई जाने वाली शनि जयंती पर लोग भगवान शनि को प्रसन्न करने के उपाय करते हैं। इस दिन अमावस्या होने से व्रत भी किया जाता है। शनि मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिलती है।

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ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों में इसे 'शनि जयंती' के नाम से जानते हैं। इस वर्ष 3 जून 2019, दिन सोमवार को शनि जयंती का पर्व है। सोमवार के दिन अमावस्या तिथि आने से इस दिन सोमवती अमावस्या भी मनाई जाएगी। साथ ही यह दिन वट सावित्री व्रत का ही है। इस तरह से 3 जून का दिन इस बार हिन्दुओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

शनि जयंती तिथि, महत्व (Shani Jayanti 2019 Date, time, significance, vrat, puja)

कर्मफल दाता शनि देव के जन्मोत्सव को शनि जयंती के नाम से जाना जाता है। 3 जून को मनाई जाने वाली शनि जयंती पर लोग भगवान शनि को प्रसन्न करने के उपाय करते हैं। इस दिन अमावस्या होने से व्रत भी किया जाता है। शनि मंदिरों में भारी भीड़ देखने को मिलती है। जिन लोगों की कुंडली में शनि संबंधी दोष चल रहा हो उन्हें इस दिन व्रत, पूजा-पाठ, शास्त्रीय उपाय आदि अवश्य ही करने चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और कुंडली में शनि दोषों को शांत करते हैं।

शनि देव के 5 शक्तिशाली मंत्र:

1) शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

2) ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:

3) ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:

4) मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।

5) कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।

यह भी पढ़ें: June 2019 Festival Calendar: जून माह में पड़ेंगे ये 16 व्रत-त्योहार, इस 'महाउपाय' से बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

शनि साधना की विधि:

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर महीने के 4 शनिवार, शनि अमावस्या एवं शनि जयंती के दिन को भगवान शनि की अराधना के लिए उत्तम माना जाता है। खासतौर से शनि अमावस्या और शनि जयंती महत्वपूर्ण तिथियां हैं। उपरोक्त मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जाप शनि जयंती के दिन से प्रारंभ करें। कम से कम 2 माला जाप करें। इसके बाद लगातार 21 दिनों तक बिना कोई दिन छोड़े जाप करते चले जाएं। इस शनि साधना से शनि साढ़ेसाती और शनि ढैय्या के प्रकोप से छुटकारा मिलेगा। साथ ही कुंडली में यदि शनि दोष या शनि की दशा चल रही है तो उसमें भी राहत मिलेगी।

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