Sawan Shivratri 2025: सावन शिवरात्रि कल, जानें व्रत की तिथि, पूजा विधि और महत्व

By रुस्तम राणा | Updated: July 22, 2025 14:47 IST2025-07-22T14:47:17+5:302025-07-22T14:47:17+5:30

सावन शिवरात्रि के दिन शिवभक्त व्रत रखकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं और अपने जीवन में सुख, शांति, संतान सुख और समृद्धि की कामना करते हैं।

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Sawan Shivratri 2025: सावन शिवरात्रि कल, जानें व्रत की तिथि, पूजा विधि और महत्व

Sawan Shivratri 2025: श्रावण मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। इस पवित्र महीने में आने वाली शिवरात्रि को सावनशिवरात्रि कहा जाता है, जो इस वर्ष 23 जुलाई 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। यह व्रत खासतौर पर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए किया जाता है। श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं और अपने जीवन में सुख, शांति, संतान सुख और समृद्धि की कामना करते हैं।

व्रत और पूजा की विधि

प्रातः स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
व्रत का संकल्प लें और मंदिर जाकर शिवलिंग का गंगाजल, दूध या पंचामृत से अभिषेक करें।
बिल्वपत्र, धतूरा, आक, सफेद फूल, भांग आदि भगवान शिव को चढ़ाएं।
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
दिनभर व्रत रखें – फलाहार या निर्जला। रात्रि में शिवजी की आरती के बाद व्रत समाप्त करें।

क्या न करें इस दिन

पूजा में तुलसी पत्र का उपयोग न करें क्योंकि यह भगवान विष्णु को अर्पित होता है।
शिवलिंग पर कुमकुम या हल्दी न चढ़ाएं।
इस दिन निंदा, क्रोध, मांसाहार और नशे से दूर रहें।

शिवरात्रि का महत्व सावन में क्यों बढ़ जाता है?

सावन माह को स्वयं भगवान शिव का रूप माना गया है। इस महीने में जल और वायु दोनों में शुद्धता रहती है और वातावरण पूरी तरह भक्तिमय होता है। मान्यता है कि सावन की शिवरात्रि के दिन माता पार्वती ने कठोर तप कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इसलिए इस दिन अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं, जबकि विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की लंबी उम्र और गृहस्थ जीवन की सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं।

सावन शिवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और भक्ति का पर्व है। इस दिन का व्रत व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और उसके जीवन से कष्टों को दूर करता है। यदि सावन में आप पूरे माह व्रत नहीं रख पा रहे हैं, तो सिर्फ शिवरात्रि का व्रत भी भगवान शिव की कृपा पाने के लिए अत्यंत फलदायक माना जाता है।
 

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