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Sawan 2021: भगवान शिव की पूजा में कभी नहीं करें इन 5 चीजों का इस्तेमाल, जानिए इस बारे में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 22, 2021 15:04 IST

Sawan 2021: ऐसी मान्यता है कि सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस माह में बेल पत्र से लेकर भांग, धतूरा आदि भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। हालांकि कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिनका इस्तेमाल भगवान शंकर की पूजा में नहीं करना चाहिए।

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ठळक मुद्देसावन का महीना इस बार 25 जुलाई से शुरू हो रहा है, 26 को पहला सोमवार व्रत।कोरोना महामारी के साये में इस बार सावन में होगी भगवान शंकर की पूजा।भगवान शिव की पूजा में जरूर करें भांग, धतूरा, बेर चंदन, बेल पत्र, फल और फूल आदि का इस्तेमा।

Sawan 2021: सावन का महीना इस बार 25 जुलाई से शुरू हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि हिंदू पंचांग का ये माह भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इसलिए उनकी विशेष पूजा इस महीने में की जाती है। कांवड़ यात्रा की परंपरा भी इसी महीने में निभाई जाती है। हालांकि कोरोना की महामारी की वजह से इस बार सड़कों पर शिव भक्तों का रेला नजर नहीं आएगा।

बहरहाल, मंदिरों में भीड़ कम ही सही लेकिन घरों में शिव पूजा हर बार की तरह इस बार भी धूमधाम से की जाएगी। उत्तर भारत में ज्यादातर हिंदू इस महीने में सात्विक भोजन करते हैं और पूजा-पाठ में लगे करते हैं। 

इस महीने में भगवान शिव पर जल चढ़ाने की विशेष परंपरा है। हालांकि मान्यताओं के अनुसार कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिनका इस्तेमाल शिव पूजा में नहीं किया जाना चाहिए। आईए, हम आपको इस बारे में बताते हैं।

भगवान शिव की पूजा में नहीं इस्तेमाल करें ये पांच चीजें

1. तुलसी: हिंदू धर्म में तुलसी पौधे और इनके पत्तों का बहुत महत्व है। कई शुभ मौकों पर इसका इस्तेमाल होता है। हालांकि भगवान शंकर पर पूजा के समय भूलकर भी तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए।

2. नारियल: भगवान शिव की पूजा में नारियल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। नारियल का संबंध माता लक्ष्मी से है। इसलिए नारियल का पानी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाएं। भगवान विष्णु की पूजा में इसका इस्तेमाल जरूर किया जाता है।

3. केतकी और केवड़े का फूल: शिवजी को केतकी के फूल भी अर्पित नहीं करने चाहिए। इसके पीछे एक रोचक पौराणिक कथा है। दरअसल ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच श्रेष्ठ कौन है, इसे लेकर विवाद हो गया था। ब्रह्मा जी ने तब खुद को श्रेष्ठ बताने और शिवलिंग के छोर तक पहुंचने के दावे के लिए केतकी के फूल को साक्षी बताया था। केतकी पुष्प के झूठा साक्ष्य देने पर शिवजी ने नाराज होकर उसके अपने पूजा में कभी इस्तेमाल नहीं होने की बात कही थी।

4. शंख: भगवान शंकर की पूजा में शंख का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एक पौराणिक कथा के अनुसार शिवजी ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को शंखचूड़ का ही प्रतीक माना गया है। कहते हैं कि शंखचूड़ भगवान विष्णु का भक्त था।

5. तिल: तिल का इस्तेमाल भी भगवान शिव की पूजा में नहीं किया जाता है। शिवलिंग पर इसे कभी नहीं चढ़ाएं। मान्या है कि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ है। इसलिए इसे शिवजी को अर्पित नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही शिवजी को हल्दी और कुमकुम भी अर्पित नहीं किया जाता है।

सावन में शिवजी की पूजा में भांग, धतूरा, बेर चंदन, बेल पत्र, फल और फूल आदि का इस्तेमाल जरूर करें। कहा जाता है कि ये सब उनके प्रिय हैं। वहीं, माता पार्वती के लिए सुहागन महिलाएं सुहाग की प्रतीक जैसे चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर आदि अर्पित कर सकती हैं। 

टॅग्स :सावनभगवान शिवहिंदू त्योहार
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