Rishi Panchami 2019: ऋषि पंचमी आज, जानें इसका महत्व और व्रत कथा, इतने बजे से पहले जरूर करें पूजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 3, 2019 09:27 AM2019-09-03T09:27:09+5:302019-09-03T10:34:31+5:30
Rishi Panchami 2019 (ऋषि पंचमी महत्व, व्रत कथा): ऋषि पंचमी व्रत शुरू में सभी वर्णों के पुरुषों के लिए बताया गया था लेकिन अब ज्यादार महिलाएं ही इस व्रत को करती हैं।
Rishi Panchami 2019: भाद्रपद मास में पड़ने कुछ प्रमुख व्रतों में ऋषि पंचमी का भी व्रत है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को किया जाने वाला ऋषि पंचमी आज (3 सितंबर) है। यह व्रत मुख्य रूप से सप्तर्षि के रूप में प्रसिद्ध सात महान ऋषियों को समर्पित है। आम तौर पर यह गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद पड़ता है। इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश होता है।
यह व्रत शुरू में सभी वर्णों के पुरुषों के लिए बताया गया था लेकिन अब ज्यादार महिलाएं ही इस व्रत को करती हैं। दरअसल, इस व्रत को लेकर एक मान्यता यह भी है कि रजस्वला (माहवारी) के समय अगर किसी महिला से भूल हो जाती है तो इस व्रत को करने से उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और उसे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत में पूजा का शुभ मुहूर्त आज 11 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1.36 तक रहेगा।
Rishi Panchami 2019: ऋषि पंचमी व्रत की कथा
ऋषि पंचमी व्रत से जुड़ी कथा के अनुसार प्राचीन समय में विदर्भ नाम के एक ब्राह्मण रहते थे। उनके परिवार में पत्नी, पुत्री और एक पुत्र था। ब्राह्मण ने अपनी पुत्री के बड़े होने पर उसका विवाह एक अच्छे ब्राह्मण कुल में किया लेकिन दुर्भाग्य वश उनकी पुत्री का पति कुछ ही दिन बाद अकाल मृत्यु की भेंट चढ़ गया। इसके बाद विधवा बेटी वापस आकर अपने पिता के घर रहने लगी।
ब्राह्मण अपनी बेटी के हाल से दुखी थे लेकिन मुश्किलें एक दिन और बढ़ गई। एक दिन अचानक मध्यरात्रि में शयन के दौरान उनकी विधवा बेटी के शरीर में कीड़े लगने लगे और स्वास्थ्य खराब होता चला गया। यह देख विदर्भ अपनी पुत्री को एक ऋषि के पास ले गये। ऋषि ने बताया कि कन्या पूर्व जन्म में ब्राह्मणी थी और एक बार उसने रजस्वला होने के बावजूद घर के बर्तन छू दिये और काम करने लगी। इसी पाप के कारण उसके शरीर में ऐसे कीड़े लग रहे हैं।
ऋषि के अनुसार रजस्वला के दौरान स्त्रियों को काम करने की मनाही होती है जबकि इस कन्या ने ऐसा नहीं किया। इसलिए ऐसी सजा मिली है। इसके बाद ऋषि ने बताया कि अगर कन्या पूरे विधि-विधान से ऋषि पंचमी व्रत करे तो उसे इन मुश्किलों से मुक्ति मिल जाएगी। ब्राह्मण की बेटी ने ऐसा ही किया और तब जाकर उसे पिछले जन्म के पापों से छुटकारा मिला।