Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन पर किसे बांधनी चाहिए सबसे पहली राखी? ऐसा करने से खुशहाल रहेगा जीवन, हर मनोकामना होगी पूरी
By मनाली रस्तोगी | Updated: August 18, 2024 03:28 IST2024-08-18T03:28:13+5:302024-08-18T03:28:13+5:30
राखी का त्योहार नजदीक है और लोगों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं, राखी खरीदने से लेकर अपने से दूर रहने वाले भाई को भेजने तक की तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि राखी समय पर पहुंच सके।

Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन पर किसे बांधनी चाहिए सबसे पहली राखी? ऐसा करने से खुशहाल रहेगा जीवन, हर मनोकामना होगी पूरी
Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन हिंदूओं का एक प्रमुख त्योहार है। राखी का त्योहार नजदीक है और लोगों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं, राखी खरीदने से लेकर अपने से दूर रहने वाले भाई को भेजने तक की तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि राखी समय पर पहुंच सके।
ये त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षा बंधन का त्योहार 19 अगस्त को सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाएगा। राखी सबसे पवित्र त्योहार है जब बहनें अपने भाइयों की सलामती और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और इसी भावना के साथ उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं। वैसे तो रक्षा बंधन पर राखी भाई को बांधने का रिवाज है, लेकिन इस दिन सबसे पहली राखी भगवान को बांधनी चाहिए।
भगवान को कोई भी राखी बांध सकता है चाहे वो पुरुष हो या महिला। सावन पूर्णिमा पर बहुत लोग लड्डूगोपाल को राखी बांधते हैं। इसी क्रम में आप भी अपने आराध्य को राखी बांध सकते हैं। दरअसल, भगवान ही हमारी हर संकट में रक्षा करते हैं। काफी लोग ऐसे भी हैं जो भगवान कृष्ण और भगवान राम को राखी बांधते हैं। दरअसल, ऐसी मान्यता है कि भगवान ही पूरे जग की रक्षा करते हैं और रक्षा बंधन का अर्थ भी यही है।
जानिए राखी बांधने का शुभ समय
शुभ मुहूर्त - 19 अगस्त 2024 - दोपहर 02:02 बजे से 03:40 बजे तक
शुभ मुहूर्त - 19 अगस्त 2024 - 03:40 अपराह्न से 05:18 अपराह्न
शुभ मुहूर्त - 19 अगस्त 2024 - शाम 05:18 बजे से शाम 06:56 बजे तक
क्या है भद्रा काल का समय?
रक्षाबंधन भद्रा मुख - सुबह 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
रक्षाबंधन भद्रा पूंछ - प्रातः 09:51 बजे से प्रातः 10:53 बजे तक
रक्षा बंधन भद्रा समाप्ति समय - दोपहर 01:30 बजे
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों की Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित हैं। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।)