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Papmochani Ekadashi: पापमोचिनी एकादशी व्रत कल, होगा सभी पापों का नाश, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 18, 2020 12:36 IST

Papmochani Ekadashi 2020: चैत्र कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है।

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ठळक मुद्देपापमोचिनी एकादशी इस बार 19 मार्च को, गुरुवार का दिन होने से महत्व और अधिकतड़के उठकर करनी चाहिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा, होता है सभी पापों का नाश

Papmochani Ekadashi 2020: चैत्र कृष्ण पक्षी की एकादशी इस बार 19 मार्च यानी (गुरुवार) को है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार एक साल में 24 एकादशी व्रत होते हैं और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसे ही 24 प्रदोष व्रत भी पड़ते हैं। प्रदोष में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार हर माह में दो एकादशी पड़ते हैं और सब का अलग-अलग महत्व है। 

चैत्र कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहा गया है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश होता है और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी होलिका दहन और चैत्र नवरात्रि के बीच पड़ती है। इस दिन भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है।

Papmochani Ekadashi: पापमोचिनी एकादशी की पूजा विधि

पापमोचिनी एकादशी से पहले यानी दशमी के दिन से ही इस व्रत की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। दशमी के दिन सात्विक भोजन ही करें। अगले दिन यानी एकादशी व्रत के दिन तड़के उठे और स्नान आदि कर साफ-सुथरे वस्त्र पहने। पीले वस्त्र ज्यादा शुभ हैं। इसके बाद पूजा की तैयारी शुरू करें।

एक साफ चौकी पर गंगाजल छिड़के और पीला या लाल वस्त्र डालकर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर वहां स्थापित करें। भगवान विष्णु को पीले फूल की माला और पुष्प आदि अर्पित करें। साथ ही उन्हें मिठाई आदि भी अर्पित करें और फिर एकादशी की कथा सुने या पढ़ें। 

पूजा के बाद भगवान विष्णु की आरती करें भोग लगाएं। शाम को भी भगवान विष्णु की आरती करें। व्रत के अगले दिन द्वादशी को प्रात: काल में फिर स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा करें। ब्राह्मणों-जरूरतमंदों को इसके बाद भोजन कराएं और दक्षिणा आदि देकर विदा करें। इसके बाद पारण करें।

Papmochani Ekadashi: पूजा और पारण का शुभ मुहूर्त

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 19 मार्च (गुरुवार) को सुबह 4.26 बजे हो रही है। इस तिथि का समापन 20 मार्च को 5.59 बजे तक होगा। ऐसे में गुरुवार को पूरे दिन पूजा का मुहूर्त है। पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति के लिए पारण का शुभ समय 20 मार्च (शुक्रवार) को दिन में 01 बजकर 41 मिनट से शाम को 04 बजकर 07 मिनट तक का है।

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