Navratri 9th Day Maa Siddhidatri: नवरात्री के नौवें दिन होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
By मेघना वर्मा | Published: October 7, 2019 07:04 AM2019-10-07T07:04:17+5:302019-10-07T07:04:17+5:30
देवी सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना करने के लिए भक्त उनको हलवा, पूरी, चना का भोग लगाते हैं।
नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि के इसी आखिरी दिन भक्त कन्याओं का पूजन भी करते हैं जो बेहद शुभ होता है। कहते हैं माता होम हवन से उतनी खुश नहीं होती जितनी छोटी कन्याओं की सेवा से होती है। माना जाता है कि सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्त को किसी भी तरह की सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं। मां का ये स्वरूप सिद्धियां देने वाला होता है। नवमी पर कितने ही भक्त अपने घरों में कन्या पूजन भी करते हैं। जिसे कल्याणकारी और शुभ माना जाता है। इस बार नवमी 7 अक्टूबर को पड़ रही है।
माना जाता है कि सिद्धिदात्री मां ने भगवान भोले की कृपा से ही कई सिद्धियां प्राप्त की थीं। सिद्धिदात्री की वजह से ही भोले शंकर का शरीर आधी देवी का हुआ था। इसी के बाद से भोले बाला को अर्द्धनारीश्वर के नाम से भी जाना जाने लगा। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार मां को अणिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, ईशित्व और वाशित्व जैसी आठ सिद्धियां प्राप्त हैं। कहते हैं जो सच्चे मन से इनकी पूजा करें उसे सिद्धियों के साथ मोक्ष की प्राप्ती होती है।
ऐसा है मां सिद्धिदात्री का स्वरूप
दुर्गा के इस स्वरूप सौम्य और आकर्षक है। उनकी चार भुजाएं हैं। एक हाथ में चक्र, एक हाथ में गदा, एक हाथ में कमल का फूल और एक हाथ में शंख है। इनका वाहन सिंह है। बताया जाता है कि मां सिद्धिदात्री को लाल और पीला रंग काफी पसंद है। इसलिए उनकी पूजा में लाल और पीले रंग का फूल चढ़ाना चाहिए।
मां सिद्धिदात्री की पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल नवमी,अष्टमी वाले दिन से ही लग रही है। नवमी 7 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर तक ही रहेगी। इसलिए इस बार अमृत काल मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 24 मिनट से 12 बजकर 10 मिनट तक(7 अक्टूबर 2019) और अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
लगाएं इन चीजों भोग
देवी सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना करने के लिए भक्त उनको हलवा, पूरी, चना का भोग लगाते हैं। मान्यता है कि सिद्धिदात्री को खीर का भोग लगाया जाना शुभ होता है। सिर्फ यही नहीं अगर भक्त मां को फल का भोग लगा रहे हैं तो उसमें संतरे का भोग लगाना भी शुभ माना जाता है। तो इस नवमी आप भी मां सिद्धदात्री को इन दो में से किसी एक चीज का भोग अवश्य लगाएं।
ऐसे करें मां सिद्धिदात्री की पूजा
1. नवमी को सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
2. पूजा करने वाली जगह को साफ कर लें।
3. वहां एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां की फोटो या प्रतिमा स्थापित करें।
4. माला पहनाएं, लाल चुनरी चढ़ाएं और श्रृंगार पिटारी अर्पित करें।
5. अब मां को फूल और फल चढ़ाएं।
6. मां को खीर और नारियल का भोग लगाएं।
7. इसके बाद मां के सामने दीया जलाएं।
8. फूल लेकर हाथ जोड़ें और मां का ध्यान करें