Navratri 2019: माता दुर्गा की मूर्ति के लिए वेश्यालय से क्यों लाई जाती है मिट्टी?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 24, 2019 11:11 AM2019-09-24T11:11:55+5:302019-09-24T11:11:55+5:30

Navratri 2019: हिंदू मान्यताओं के अनुसार माता दुर्गा की मूर्ति के लिए 4 चीजें सबसे जरूरी हैं। इसमें गंगा तट की मिट्टी, गोमूत्र, गोबर और वेश्यालय या कोई ऐसी जगह जहां जाना निषेध होता है, वहां से लाई गई मिट्टी शामिल है।

Navratri 2019 why soil form brothel or prostitute home is used for making Maa Durga idol | Navratri 2019: माता दुर्गा की मूर्ति के लिए वेश्यालय से क्यों लाई जाती है मिट्टी?

माता दुर्गा की मूर्ति के लिए वेश्यालय से लाई जाती है मिट्टी (फोटो- एएफपी)

HighlightsNavratri 2019: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही हैमाता दुर्गा की मूर्ति बनाने में होता है वेश्यालय की मिट्टी का इस्तेमाल, कई कहानियां हैं इसके पीछे

Shardiya Navratri 2019: नवरात्रि में शक्ति की देवी माता दुर्गा की पूजा के महत्व को लगभग सभी जानते हैं। मान्यता है कि माता दुर्गा इन 9 से 10 दिनों तक चलने वाले त्योहार के दौरान धरती पर मौजूद होती हैं। नवरात्र में नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा की जाती है। दुर्गा पूजा दरअसल पश्चिम बंगाल का मुख्य त्योहार है लेकिन इसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर उत्तर भारत में इस दौरान शहरों-कस्बों में चौक-चौराहों पर पंडाल बनाये जाते हैं और माता दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा की जाती है।

<a href='https://www.lokmatnews.in/topics/durga-puja/'>दुर्गा पूजा</a> की तैयारी (फोटो-एएफपी)
दुर्गा पूजा की तैयारी (फोटो-एएफपी)

माता दुर्गा की मूर्ति बनाने को लेकर भी कुछ खास परंपरा हैं जिनका पालन किया जाता है। इसी में से एक ये है कि जिस मिट्टी से माता दुर्गा की मूर्ति बनाई जाती है उसमें वेश्यालय से लाई गई मिट्टी को जरूर मिलाया जाता है। इसके बिना मूर्ति अधूरी मानी जाती है। वेश्यालय से मिट्टी क्यों लाई जाती है माता दुर्गा की मूर्ति के लिए और क्या है इस परंपरा के पीछे की कहानी, जानिए...

Navaratri 2019: मां दुर्गा की मूर्ति के लिए वेश्यालय की मिट्टी

यह परंपरा हैरान करने वाला है। ऐसा इसलिए कि जिस समाज में जिस्म का सौदा करने वाली महिलाओं को अशुद्ध और निकृष्ट माना जाता है। उसी समाज के सबसे बड़े त्योहारों में से एक के दौरान उनके घर की मिट्टी का इस्तेमाल क्यों किया है? आखिर इस परंपरा का पालन करने के पीछे क्या वजह है? दरअसल, इसे लेकर कई तरह की कहानियां और मान्यताएं मौजूद हैं। 

माता दुर्गा की मूर्ति के लिए 4 चीजें हैं सबसे जरूरी (फोटो-एएफपी)
माता दुर्गा की मूर्ति के लिए 4 चीजें हैं सबसे जरूरी (फोटो-एएफपी)

हिंदू मान्यताओं के अनुसार माता दुर्गा की मूर्ति के लिए 4 चीजें सबसे जरूरी हैं। इसमें गंगा तट की मिट्टी, गोमूत्र, गोबर और वेश्यालय या कोई ऐसी जगह जहां जाना निषेध होता है, वहां से लाई गई मिट्टी शामिल है। इसके बाद ही मूर्ति को पूर्ण माना जाता है। यह परंपरा कई दशकों से चली आ रही है।

Navaratri 2019: मां दुर्गा की मूर्ति के लिए क्यों चाहिए वेश्यालय की मिट्टी

इस पंरपरा के बीच एक कथा तो ये बताई जाती है कि प्राचीन काल में एक वेश्या मां दुर्गा की बड़ी भक्त थी। उसे तिरस्कार से बचाने के लिए मां ने स्वंय उसके आंगन की मिट्टी से अपनी मूर्ति स्थापित करवाने की परंपरा शुरू करवाई।

एक और मान्यता के अनुसार जब कोई व्यक्ति वेश्यालय में जाता है तो वह अपनी सारी पवित्रता, अपना रुतबा, मान-सम्मान, पुण्य और बाहरी दुनिया के लिए ओढा़ हुआ नकाब उतार फेंकता है। अंदर जाने पर वह सिर्फ एक पुरुष रह जाता है। इसलिए वेश्यालय के आंगन की मिट्टी सबसे पवित्र हुई क्योंकि वह दुनिया भर के उजले पुरुषों की पवित्रता सोख लेती है। वेश्यालय की मूर्ति लाने को लेकर यह भी एक कारण बताया जाता है।

दुर्गा पूजा के लिए लाई जाती है वेश्यालय से मिट्टी (फाइल फोटो)
दुर्गा पूजा के लिए लाई जाती है वेश्यालय से मिट्टी (फाइल फोटो)

एक मान्यता ये भी है कि दुर्गा असल में महिषासुर का वध करने वाली देवी हैं। कहते हैं महिषासुर ने देवी दुर्गा के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया था, उनका उपहास उड़ाया था उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई थी। इस अभद्र व्यवहार के बाद माता दुर्गा ने महिषासुर का वध किया। इसी कारण से वेश्यावृत्ति में लिप्त स्त्रियों के घर से मिट्टी लाने की परंपरा शुरू हुई जिन्हें समाज में सबसे निचला दर्जा दिया गया है।

कई जानकार यह भी बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में सामाजिक सुधार को लेकर पूर्व में कई आंदोलन चले हैं। इसी दौरान ये बात प्रचलित हुई कि नारी शक्ति का स्वरूप है फिर वह चाहे वेश्या ही क्यों न हो। वेश्यालय से मिट्टी लाने की परंपरा को कई लोग इस दृष्टि से भी देखते हैं।

Navaratri 2019: समय के साथ बदली परंपरा

पूर्व में वेश्यालय से मिट्टी लाने की परंपरा के अनुसार मंदिर का पुजारी ही वेश्यालय के बाहर जाकर वेश्याओं से मिट्टी मांगता था। पुजारी को जब तक मिट्टी नहीं मिल जाती, वह वहां से वापस नहीं लौट सकता। वेश्या अगर मिट्टी देने से मना कर देती है या फिर मजाक उड़ाती है तो भी पुजारी को वहां खड़े रहकर मिट्टी का इंतजार करते रहना पड़ता था। हालांकि, अब मूर्ति बनाने वाले स्वयं जाकर वेश्यालय से मिट्टी ले आते हैं। वहीं, कई जगहों पर अब वेश्यालय की मिट्टी बोरों में भर-भरकर बेची भी जाने लगी है।

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